बीते सालों में नाबालिगों द्वारा बलात्कार के मामलों में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई है। नाबालिगों द्वारा सामूहिक बलात्कार करने के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं। कुछ समय पहले दिल्ली में पैरा मेडिकल की छात्रा के साथ हुए सामूहिक बलात्कार में भी एक किशोर की संलिप्तता थी। अब दिल्ली में किशोरों ने ढाई साल की बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार किया है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के...
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सबके लिए पैसा है, पर किसानों के लिए नहीं - देविंदर शर्मा
मानसून खत्म हो चुका है। 14 प्रतिशत कम बारिश हुई है और देश में फसल वाले ऐसे करीब 39 फीसद इलाके हैं, जहां बिलकुल सूखा है। उम्मीद थी कि रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन किसानों के लिए वित्तीय लाभों और ऋण भुगतानों में छूट की श्रंखला की घोषणा करेंगे। इसकी जगह रघुराम राजन ने पिछले हफ्ते व्यावसायिक बैंकों के उधार देने की ब्याज दरों में काफी कटौती करने वाली...
More »एफआईआर से आरटीआई तक ग्राम्य जनजीवन - गोपालकृष्ण गांधी
अंग्रेजी के कुछ शब्द (या शब्दों के संक्षिप्त रूप) ऐसे हैं, जो भारत के दूर-देहात तक जड़ें जमा चुके हैं। यहां मैं डीएम, एसपी, बीडीओ जैसे अफसरों के पदों का उल्लेख नहीं कर रहा। ना ही मैं बस, ट्रेन, साइकिल जैसे सर्वसुलभ शब्दों की बात कर रहा हूं। मैं ऐसे शब्दों की बात कर रहा हूं, जो हमें आज के भारत के बारे में कुछ बताते हैं। इन्हीं में से...
More »स्किल इंडिया मिशन : दूर का सपना और नजदीकी सच्चाई
क्या अगले सात सालों में 40 करोड़ लोगों को रोजी-रोजगार हासिल कर सकने लायक हुनर सिखाने का स्किल इंडिया मिशन का लक्ष्य सच्चाई कम और दूर का सपना ज्यादा है ? सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट के तथ्य इसी आशंका को बल देते हैं. (देखें नीचे दी गई लिंक) रिपोर्ट के अनुसार साल 2011-12 में देश में 15 साल और इससे ज्यादा उम्र के केवल 2.4 प्रतिशत लोगों...
More »भारत की कहानी में बिहार कहां है?-- शंकर अय्यर
आज बिहार उम्मीदों और निराशा के दोराहे पर खड़ा है। पिछले कई दशकों से अगर बिहार दुर्दशा झेल रहा है, तो इसकी वजह सिर्फ मंडल, कमंडल और जंगल राज नहीं है। इसकी असल वजह 'राजनीति' है, जिसमें 'राज' कुछ ज्यादा, तो 'नीति' जरूरत से काफी कम रही है। भारत में शासन को लेकर एक बेहद प्रचलित उक्ति है कि यहां वह सब कुछ जो गलत हो सकता है, वह लगातार...
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