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रीढ पर चोट- प्रदीप सती

उत्तराखंड में आई हालिया प्राकृतिक आपदा ने प्रदेश की रीढ़ माने जाने वाले पर्यटन उद्योग पर बड़ी चोट की है जिससे हजारों लोगों के सामने आजीविका का संकट खड़ा हो गया है. प्रदीप सती की रिपोर्ट. एक-हरिद्वार में गंगोत्री टूर ऐंड ट्रैवल्स के नाम से कंपनी चलाने वाले अर्जुन सैनी ने लोन पर खरीदी गई अपनी तीन गाड़ियां सरेंडर कर दी हैं. चार धाम यात्रा बंद है और काम बस नाम...

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सियासत और नर्मदा की आफत- शिरीष खरे

कुछ बुनियादी सवालों की उपेक्षा करके राजनीतिक फायदे के लिए प्रचारित की जा रही नर्मदा-क्षिप्रा जोड़ने की परियोजना काफी भयावह नतीजे दे सकती है. शिरीष खरे की रिपोर्ट. 29 नवंबर, 2012 का दिन और स्थान था इंदौर जिले का उज्जैनी गांव. मध्य प्रदेश में यह आगामी नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले का समय था. तब इस गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा के वरिष्ठ...

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कभी स्वर्ग, आज वीरान!- हरिवंश

वेतन लाखों में हो गये. लेकिन वेतन बढ़ने से वास्तविक उत्पादन या आय पर क्या असर हुआ, इसे जांचने का कोई विश्वसनीय मेकेनिज्म नहीं है. अमेरिका के डेट्रायट शहर में यही हुआ. पेंशन का बोझ बढ़ता गया. रिटायर लोगों की पेंशन, नये नियुक्त लोगों की तनख्वाह से कई गुना अधिक. ऊपर से शहर की सरकार ने बाहर से कर्ज लेना जारी रखा. कर्ज अगर भोग-विलास के लिए लिया जाये, तो दुर्दशा...

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लोहा नहीं अनाज चाहिए- विनोद कुमार

जनसत्ता 20 अगस्त, 2013 :  झारखंड बनने के बाद प्रभु वर्ग ने इस बात को काफी जोर-शोर से प्रचारित-प्रसारित किया है कि झारखंड का विकास और झारखंडी जनता का कल्याण उद्योगों से ही हो सकता है और खनिज संपदा से भरपूर झारखंड में इसकी अपार संभावनाएं हैं। यह प्रचार कुछ इस अंदाज में किया जाता है मानो झारखंड में पहली बार औद्योगीकरण होने जा रहा है। हकीकत यह है कि...

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तिरस्कार की मार- मनोज रावत

बात सितंबर, 1893 की है. उत्तराखंड के चमोली में बहने वाली बिरही नदी में एक पहाड़ गिर गया. बिरही आगे जाकर अलकनंदा में मिलती है जिसके भागीरथी में मेल के बाद बनी धारा को गंगा कहा जाता है. बिरही में पहाड़ गिरने से एक विशाल झील बन गई. ताल के एक छोर पर गौणा गांव था और दूसरे पर दुर्मी तो कोई इसे गौणा ताल कहता और कोई दुर्मी ताल....

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