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देश भर में ई-पास के लिए सरकार ने बनाई नई वेबसाइट, इस तरह करना होगा अप्लाई

-जनज्वार, कोरोना संकट को लेकर केंद्र सरकार ने रविवार को देश में लॉकडाउन के चौथे फेज का ऐलान किया। इसके तहत केंद्र ने राज्यों को जोन चुनने से लेकर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने को लेकर आजादी दी गई ह। ऐसे में कर्नाटक, असम, पंजाब और तमिलनाडु सरकार ने राज्य के लिए गाइडलाइन जारी की हैं, जिसके तहत कुछ रियायतें दी गई है और कुछ पाबंदियों को बरकरार रखा गया है। वहीं अब...

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आत्मनिर्भरता के अर्थ और अनर्थ

-डाउन टू अर्थ, महात्मा गांधी ने भारत के नीति निर्माताओं और सुधारकों को जंतर देते हुए कहा था कि - "... जो सबसे कमजोर और गरीब आदमी तुमनें देखा हो, उसे याद करो और अपने दिल से पूछो कि जो कदम उठाने का तुम विचार कर रहे हो, वह उस आदमी के लिए कितना उपयोगी होगा। क्या उसे कुछ लाभ पहुंचेगा ? क्या उससे वह अपने जीवन और भाग्य पर कुछ...

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महामारी के बाद निवेश का पहिया, राजस्व की चरखी और रोजगारों की मशीन कैसे चलेगी

-इंडिया टूडे, ताली-थाली और दीया-मोमबत्ती से होते हुए कोविड लॉकडाउन का तीसरा सप्ताह आने तक केंद्र सरकार थकने-सी लगी थी. यही मौका था जब भारतीय संविधानसभा की वह जद्दोजेहद कारगर नजर आने लगी, जिसके तहत राज्यों को पर्याप्त शक्तियों से लैस किया गया था. आजादी के बाद सबसे बडे़ संकट में भारत के राज्य अमेरिका की तरह वहां के राष्ट्रपति का सिरदर्द नहीं बने थे बल्कि संघीय ढांचे की ताकत के...

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संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढ़ियों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं

-इंडिया टूडे, बीसवीं सदी की महामंदी, 1991 के भारतीय आर्थिक संकट और 2008 की ग्लोबल बैंकिंग आपदा का इतिहास हमें कुरेद-कुरेद कर बताता है कि अंतत: वही जीतते हैं जो एक अच्छी आपदा को बर्बाद नहीं करते. संकटों को अवसर बना लेने वाले मुल्क अपनी अगली पीढि़यों को एक तपी-निखरी दुनिया सौंपते हैं. बड़े बदलाव के लिए किसी बड़े संकट का इंतजार था तो मुराद अब पूरी हो गई है. संकट में...

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केंद्र सरकार के बजट में 29 बजटों का सवाल

-इंडिया टूडे हिंदी   केंद्र सरकार का अकेला बजट मंदी का भाड़ फोड़ सकता होता तो फिर छह ‘शानदार’ बजटों के बावजूद हम औंधे मुंह धंस न गए होते. अथवा टैक्स या कर्ज रियायतों के ताजे पैकेज (ऑटोमोबाइल, हाउसिंग, कॉर्पोरेट के टैक्स में कमी, एनबीएफसी, लघु उद्योग) सिर के बल खड़े न हो जाते.  2020-21 का बजट कुछ ऐसी वजहों से संवेदनशील होने वाला है जो अर्थव्यवस्था और सियासत, दोनों के लिए कीमती...

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