देश की अर्थवस्था को गति देने में छोटे और मंझोले उद्यमियों की बड़ी भूमिका है. रोजगार, आर्थिक उत्पादन और घरेलू जरूरत की चीजों को तैयार करने के अलावा भारत की कई लोकप्रिय वस्तुओं के निर्यात के आधार को भी ये मजबूत करते हैं. विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में भी ये बड़े माध्यम हैं. इसलिए सरकार इन्हें हर स्तर पर सुविधा, सहायता, संरक्षण, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है. इसे लेकर कई...
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उदार पीढ़ी का उद्वेग- सुधीश पचौरी
जनसत्ता 4 जनवरी, 2012: पिछले करीब पंद्रह दिनों में एक युवा विमर्श प्रकट हुआ है, जो कई वजहों से ऐतिहासिक है। उसके कारक, लक्ष्य और परिणाम नए हैं। वह प्रकटत: स्वत:स्फूर्त स्वभाव से असंगठित और अराजनीतिक प्रतीत होता है। वह ‘परदुख कातर’ है। पुलिस प्रशासन और सत्ता से अन्याय के बरक्स न्याय के सवाल कर रहा है। वह बर्बरता के विरोध में है। वह एक ऐसा नागरिक समाज चाहता है, जिसमें...
More »अनरियल एस्टेट- हिमांशु शेखर(तहलका)
उत्तर प्रदेश के बिजनौर के रहने वाले विकास चौहान जब करीब एक दशक पहले दिल्ली आए तो उनके कई सपनों में से एक यह भी था कि देश की राजधानी में उनका एक अपना आशियाना हो. नौकरी मिली और आमदनी बढ़ने लगी तो उन्होंने अपने इस सपने को पूरा करने की कोशिश शुरू कर दी. प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों की वजह से दिल्ली में तो कोई मकान उन्हें अपने बजट...
More »छत्तीसगढ़ में सेटेलाइट रखेगा चावल पर निगाह
रायपुरगरीबों को एक और दो रुपए किलो मिलने वाले चावल की निगरानी अब सेटेलाइट के जरिए की जाएगी। शिकायतें हैं कि सस्ता चावल लेकर गोदाम से ट्रक रवाना होते हैं, लेकिन बीच रास्ते में अनाज गायब हो जाता है। कई उपाय करने के बाद भी इसमें कमी नहीं आ रही है। खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम (नान) चावल परिवहन करने वाले ट्रक और मेटाडोर में जीपीएस सिस्टम लगाने जा रहा है। प्रदेश में 36 लाख...
More »‘अब हर किसी को गेहूं और चावल चाहिए’- शरद पवार
सुबह के आठ बजे हैं. लेकिन 69 वर्षीय भारत के कृषि मंत्री शरद पवार अपने दिल्ली स्थित घर में बने ऑफिस में व्यस्त हो चुके हैं...अनाज और सब्जियों की लगातार बढ़ रही कीमतों के मुद्दे पर आलोचनाओं से घिरे पवार ने अजित साही और राना अय्यूब से उनके कार्यकाल में कृषि नीतियों पर काफी लंबी बात की. साक्षात्कार के अंश यूपीए सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन यूपीए जब सत्ता...
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