रायगढ़, नईदुनिया न्यूज। मोर दू ठन लईका हे, बड़का लईका हा 6 साल के हो गिस हे। ओला स्कूल में भर्ती कराय बर मोर कना पैसा नी हे। मोर पति के कमाई में हमर घर चलत रहिस, दू साल ले ओहर एक रूपया नी कमाथे जेकर खातिर हमन ला भूखा रहे ला पड़थे। अपन समस्या ला लेके हमन कई बार विधायक, एसपी अउ कलेक्टर के पास भेंट होयेन, लेकिन हमर...
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इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट--- 'वंचित भारत की एक तस्वीर'
क्या कभी आपने सोचा कि देश के शहरों में झुग्गी बस्तियां कितनी हैं, उनमें रहने वाले कौन हैं और झुग्गी-बस्तियों में इनका रहना जीना कैसा है ?अगर नहीं, तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए! देश में तकरीबन साढ़े तैंतीस हजार झुग्गी-बस्तियों होने के अनुमान हैं, महज एक दशक यानी 2001 से 2011 के बीच झुग्गी-बस्तियों में दलित आबादी में 31 फीसद का इजाफा हुआ है. कुछ राज्यों की झुग्गी-बस्तियों की...
More »लोगों को हुनर सिखाकर बदल सकते हैं समाज-- दशरथ सूर्यवंशी
बरसों से जलसंकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल के उदगीर जिले के रावणकोल में पलते-बढ़ते समय एक अलग ही तरह का सामाजिक बदलाव मेरी नज़र में आया। जल-संकट के कारण उजड़ती खेती के साथ उजड़ते गांव। लोग आजीविका की तलाश में शहर चले जाते। परिवार बिखरते। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती और ग्रामीण व्यवस्था ही नहीं बदल रही है बल्कि सामाजिक मेल-जोल व एकजुटता खत्म हो रही है, क्योंकि घट...
More »संभव है कालाजार का उन्मूलन-- उषाकिरन तारिगोपुला
आज कालाजार दिवस है और हमारे लिए यह विचार करने का उचित मौका है कि हमने इस बीमारी के उन्मूलन के लिए अब तक क्या किया है. कालाजार एक खतरनाक परजीवी बीमारी है, जिससे बिहार की हजारों जिंदगियां प्रभावित हैं. 2015 में भारत में इसके 8,240 मामले सामने आये थे, जिसमें 76 फीसदी पीड़ित सिर्फ बिहार से थे और राज्य के 38 में से 33 जिलों में लोग इससे संक्रमित...
More »सरकार! बीमार पड़े हैं आपके अस्पताल....
शशिकांत तिवारी, भोपाल। तंगहाली ने बीते दो माह से सरकारी अस्पतालों की सेहत बिगाड़ी दी है। हालात यह हैं कि राजधानी के हमीदिया जैसे बड़े अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों में सबसे अहम वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास उन्हें सुधारवाने के लिए पैसा नहीं है। बीते एक सप्ताह से हृदयरोगियों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि कैथेटर और डाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मरीजों...
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