-कारवां, दुनिया भर के देशों में हुए हाल के अध्ययनों में कोविड-19 महामारी के महिलाओं के जीवन पर पड़े विषम प्रभावों का पता चलता है. हालांकि पुरुषों और महिलाओं, दोनों के ही लिए रोजगार के अवसर कम हुए हैं और रोजगार की क्वालिटी भी गिरी है, लेकिन श्रम बाजार में महिलाओं की स्थिति मर्दों के मुकाबले पहले से कहीं अधिक असुरक्षित हुई है. विश्व आर्थिक मंच की “दि ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट...
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क्यों महत्वपूर्ण है भारत-अमीरात आर्थिक समझौता, इससे कैसे बढ़ेगा निर्यात
-रूरल वॉइस, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) हाल ही पूरा हुआ है। इसे इस लिहाज से उल्लेखनीय माना जाना चाहिए कि इसमें कई बातें पहली बार हुई हैं। 2019 के क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के बाद पहली बार भारत सरकार ने आर्थिक सहयोग समझौते (ईसीए) में तेजी दिखाई है। भारत और अमीरात के बीच सीईपीए पहला ईसीए है जिसपर एक दशक से भी ज्यादा समय...
More »यूक्रेन संकट: रूस पर बाइडन के प्रतिबंध से बढ़ने वाली महंगाई को लेकर भारत को सचेत रहना होगा
-द वायर, काफी बहस के बाद अमेरिका ने आखिरकार बड़ा फैसला लेते हुए कुछ प्रमुख रूसी बैंकों को स्विफ्ट (सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन) मैसेजिंग सिस्टम से बाहर कर दिया. स्विफ्ट 200 से ज्यादा देशों के 11,000 से ज्यादा बैंकों को एक साझा लेनदेन सूचना प्लेटफॉर्म से जोड़ता है. यह शायद आज तक के इतिहास में रूस पर लगाया गया सबसे कठोर आर्थिक प्रतिबंध है. इस सिस्टम से बाहर निकाले जाने से...
More »कर्नाटक के नए पशुवध कानून से आती रोज़गार में कमी
-इंडियास्पेंड, तमाम परेशानियों के बावजूद शाहिद कुरैशी की सुरमा लगी आंखों में उम्मीदों के कुछ निशान अभी बाकी थे। यह जानते हुए भी कि वह अब कभी अपने पुराने काम पर नहीं लौट पाएंगे। पूर्वी बेंगलुरु के टेनरी रोड के बूचड़खाने में दशकों से उनके हाथ मांस के इस मुश्किल और मेहनत से भरे काम को अंजाम देते आ रहे थे। काम करते-करते उनकी हथेलियां सख्त और खुरदरी हो गईं हैं। ये...
More »स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट: 17 प्रमुख लक्ष्यों को पाने में चूक सकती है सरकार
-डाउन टू अर्थ, भारत ऐसे कम से कम 17 प्रमुख सरकारी लक्ष्यों को पाने की दिशा में पीछे है, जिनकी समय-सीमा 2022 है। एक मार्च को जारी एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट के मुताबिक, इस धीमी गति के चलते भारत समय-सीमा में इन लक्ष्यों को हासिल करने से चूक सकता है। यह रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने जारी की। रिपोर्ट डाउन टू अर्थ मैगजीन...
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