देश के ज्यादातर राज्य गंभीर कृषि संकट की गिरफ्त में हैं। किसानों का असंतोष व उनकी बेचैनी दिनोंदिन आक्रामक होती जा रही है। मध्य प्रदेश के मंदसौर में जो कुछ हुआ, वह हमारे नीति-नियंताओं के लिए एक झकझोर देने वाला वाकया था। यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। उनकी आमदनी नहीं बढ़ रही है। दालों और...
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कर्जमाफी नहीं है समाधान -- देविंदर शर्मा
इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
More »रोजगार देनेवाला एफडीआइ आये -- वरुण गांधी
भारत की अर्थव्यवस्था में एक अनोखा अंतर्विरोध दिख रहा है. बीते कुछ दशकों में, खासकर विकासशील देशों में पाया गया है कि मैक्रो इकनॉमिक्स में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन के लिए एफडीआइ रामबाण है. ज्यादा एफडीआइ आने का मतलब देश की आर्थिक नीतियों की स्वीकार्यता समझा जाता है और अर्थव्यवस्था की तंदुरुस्ती का संकेतक माना जाता है. पिछले कुछ वर्षों में स्थिर रहने के बाद बीते तीन वर्षों में...
More »कारोबार बनाम आहार-- रमेश कुमार दूबे
वर्ष 2008 की विश्वव्यापी मंदी के बाद शुरू हुई खेती की जमीन के अधिग्रहण की प्रकिया भले ही अब मंद पड़ गई हो लेकिन वैश्विक खाद्य तंत्र पर कब्जा जमाने की प्रवृत्ति में कोई कमी नहीं आई है। छोटी जोतों और स्थानीय खाद्य बाजार की जगह वैश्विक खाद्य आपूर्ति तंत्र स्थापित करने की जो प्रक्रिया दूसरे विश्वयुद्ध के बाद यूरोप-अमेरिका में शुरू हुई थी वह अब तीसरी दुनिया को अपनी...
More »मर्ज का इलाज नहीं कर्ज माफी - डॉ भरत झुनझुनवाला
आठ साल पहले केंद्र की मनमोहन सिंह सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर किसानों का कर्ज माफ किया था। अब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में किसानों की कर्ज माफी की है। दस वर्षों से भी कम अंतराल में किसानों का कर्ज दोबारा माफ करना पड़ा है। यह दर्शाता है कि मौजूदा व्यवस्था में किसान कर्ज लेते रहेंगे और सरकारें उसे माफ करती रहेंगी। कर्ज माफी किसान की...
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