SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 395

उत्तर प्रदेश के कोविड-19 संकट पर जारी आईआईटी कानपुर की रिपोर्ट असलियत से परे है

-द वायर, आईआईटी कानपुर ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसका शीर्षक ‘कोविड संग्राम, यूपी मॉडल: नीति, युक्ति और परिणाम’ है. इस रिपोर्ट में कोविड-19 संकट से निपटने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार की तारीफों की झड़ी लगाई गई है. 100 पन्नों से कुछ बड़ी यह रिपोर्ट अंग्रेजी व हिंदी में उपलब्ध है. यह रिपोर्ट मनिंद्र अग्रवाल द्वारा लिखी गई है जो महामारी से पहले ‘कॉम्पलेक्सिटी थ्योरी’ पर...

More »

अनहेल्दी सीक्रेट्स - क्यों जरूरी है पीएम केयर्स फंड की जांच

-कारवां, आजादी के बाद देश के सभी बड़े शहरों में पाकिस्तान से आने वाले हिंदू और सिख शरणार्थियों की संख्या हर बीतते दिन बढ़ रही थी. जवाहरलाल नेहरू उस समय देश की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री थे और उनके आधिकारिक आवास तीन मूर्ति भवन में भी लोगों की भीड़ लगी रहती. नेहरू के निजी सचिव रहे एम. ओ. मथाई अपनी किताब रेमनिसंस ऑफ दि नेहरू ऐज में नेहरू की एक आदत...

More »

स्वास्थ्य की ‘जड़ें’ : हल्दी से तीन गुणा अधिक कमा रहा है यह किसान

-डाउन टू अर्थ, भारतीयों ने हल्दी की एंटीवायरल खूबियों के चलते वर्ष 2020 में इसका खासा सेवन किया, इसकी कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के दौरान इसे फायदेमंद बताया जा रहा था।  खाना पकाने में इस्तेमाल के अलावा, लोगों ने काढ़े के रूप में इसका जमकर सेवन किया। लॉकडाउन के दौरान बाजार में शुद्ध शाकाहारी हल्दी के लैटेस से लेकर चिया टरमरिक कुकीज और डिटॉक्स चाय जैसे कई उत्पाद बढ़ गए हैं। हालांकि, हल्दी...

More »

कोविड महामारी ने पहले से हाशिये पर पड़े एलजीबीटीक्यूआई+ समुदाय की पीड़ा को और बढ़ाया है

-द वायर, अभिजीत केरल के तिरुवनंतपुरम में बतौर रेडियो जॉकी काम कर रहे थे जब बीते वर्ष मार्च में कोविड-19 महामारी ने भारत में दस्तक दी थी, जिसने सरकार को देशव्यापी लॉकडाउन लगाने के लिए प्रेरित किया था. लॉकडाउन के चलते अभिजीत अपने घर ग्रामीण पत्तनमतिट्टा जिला लौट आए, जहां उनके माता-पिता एक संयुक्त परिवार में दादा-दादी, चाचा और चचेरे भाइयों के साथ रहते हैं. होमोफोबिक रिश्तेदार और चचेरे भाई-बहनों के साथ...

More »

भारत में कोविड की पहली लहर की तुलना में दूसरी में गर्भपात तीन गुना बढ़ा, ICMR शोध ने डेल्टा वैरिएंट को बताया वजह

-द प्रिंट, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से मुंबई में किया गया एक छोटा-सा अध्ययन बताता है कि भारत में दूसरी कोविड लहर के दौरान गर्भपात तीन गुना बढ़ गया है, और गर्भस्थ शिशुओं की मौत का एक बड़ा कारण कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट हो सकता है. अध्ययन में गर्भपात के लिए ‘सहज गर्भपात शब्द का उपयोग किया गया है, जिसका मतलब है गर्भधारण के 20 सप्ताह से पहले गर्भपात...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close