बजट बसंती जाड़े से खिसक कर चिल्ला ठंडे के मौसम में आ गया है. कड़कड़ाती ठंड में बजट की तैयारियां चल रही ही हैं कि इसी बीच दो रिपोर्ट चर्चा में आ गयीं. एक रिपोर्ट है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी इन्क्लुसिव डेवलपमेंट इंडेक्स-2017 और दूसरी रिपोर्ट है ऑक्सफैम रिपोर्ट. दोनों ही रिपोर्ट पूंजीवादी संस्थाओं द्वारा जारी की गयी हैं. इन रिपोर्टों को पढ़ने से साफ झलकता है कि...
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काले धन की जंग में फंस चुके जनधन खाते - अवधेश कुमार
नोटबंदी के बाद जनधन खाता काफी चर्चा में आया है। जो आंकड़े आए हैं, वे चकराने वाले हैं। नौ नवंबर तक इन खातों में जमाराशि थी- 45 हजार, 627 करोड, जो 30 नवंबर को 74 हजार, 322 करोड़ हो गई। जिस खाते में एक पैसा नहीं था या चंद रुपये थे, ऐसे अनेक खातों में 49 हजार रुपये जमा हो गए। 50 हजार या उससे ऊपर जमा करने पर पैन...
More »जीडीपी बनाम भूख सूचकांक-- धर्मेन्द्रपाल सिंह
ताजा विश्व भूख सूचकांक या ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) के अनुसार भारत की स्थिति अपने पड़ोसी मुल्क नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और चीन से बदतर है। यह सूचकांक हर साल अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (आइएफपीआरआइ) जारी करता है, जिससे दुनिया के विभिन्न देशों में भूख और कुपोषण की स्थिति का अंदाजा लगता है। आज केवल इक्कीस देशों में हालात हमसे बुरे हैं। विकासशील देशों की बात जाने दें, हमारे देश...
More »असमानता की जड़ें-- सतीश सिंह
सरकार चाहती है कि देश विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो, लेकिन वह बैंकों की सेहत सुधारने की दिशा में ठोस पहल नहीं कर रही है। मजबूत अर्थव्यवस्था की रीढ़ बैंकिंग क्षेत्र को माना गया है। अर्थव्यवस्था को बैंकों की मदद से ही संतुलित रखा जा सकता है। बैंकों की सकारात्मक भूमिका के बिना वित्तमंत्री देश के विकास के सपने को साकार नहीं कर सकते हैं। संपत्ति शोध कंपनी ‘न्यू...
More »किराए की कोख और कानून-- सुधा सिंह
सरोगेसी विधेयक पर हर तरह की राय आ रही है। अन्य देशों का हवाला दिया जा रहा है जहां सरोगेसी पर पाबंदी है, विशेषकर यूरोपीय देशों का। मोटे तौर पर सरोगेसी दरअसल ऐसे दंपति को संतान का सुख देने का जरिया है जहां स्त्री किसी कारण से गर्भधारण नहीं कर सकती, लेकिन जिन्हें अपनी जैविक संतान, कुछ समान जिनेटिक गुणों के साथ, चाहिए। ऐसे में महिला का अंडा और...
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