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रागी, कोदो जैसे मोटे अनाज की खेती को बचाने की पहल, जिससे किसानों को मिले उनकी उपज का सही दाम

गाँव कनेक्शन, 7 सितम्बर  रागी, बाजरा जैसे मोटे अनाज की खेती के बाद प्रोसेसिंग के पुराने और परंपरागत तरीकों से न ही सही से अनाज निकल पाता है और न ही बाजार में उसका सही दाम मिल पाता है। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र, उन किसानों और स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के लिए मददगार साबित हुआ है जो मोटे अनाज की खेती करते हैं। भारतीय कदन्न अनुसंधान संस्थान के निदेशक...

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भारत पहुंचने के कुछ घंटों के अंदर अमेरिकी पत्रकार को दिल्ली एयरपोर्ट से वापस भेजा गया

द वायर, 25 अगस्त बुधवार, 24 अगस्त की रात अमेरिकी नागरिक और अमेरिकी मीडिया कंपनी वाइस (Vice) के पत्रकार अंगद सिंह को दिल्ली में उनके फ्लाइट से उतरने के कुछ ही घंटों बाद ही आईजीआई एयरपोर्ट से कथित तौर पर वापस भेज दिया गया. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सिंह के परिवार ने आरोप लगाया कि उनकी फ्लाइट रात 8:30 बजे दिल्ली में उतरी थी और तीन घंटे के भीतर उन्हें...

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गरीबी और असमानता

[inside] इंडिया में आर्थिक असमानता: “अरबपति राज” में ब्रिटिश राज से भी ज्यादा है असमानता - रिपोर्ट [/inside] इंडिया के भौगोलिक आकार और जनसंख्या, जो अब दुनिया में सबसे अधिक है, को देखते हुए इंडिया में आर्थिक विकास का वितरण विश्व की आर्थिक असमानता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। इसलिए इंडिया में आय और संपत्ति की असमानता को सटीक रूप से मापना अत्यधिक आवश्यक है। हाल ही में वर्ल्ड इनइक्वलिटी डाटाबेस ने...

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उत्तर भारत में लिंगानुपात में दिख रहा सुधार, दक्षिण भारत की स्थिति खराब: प्यू रिसर्च

दिप्रिंट , 24 अगस्त अमेरिकी थिंक टैंक प्यू रिसर्च सेंटर के एक अध्ययन में पाया गया है कि कभी कन्या भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात रहे पंजाब और हरियाणा ने जन्म के समय अपने विषम लिंगानुपात को दुरुस्त करने की दिशा में एक लंबा सफर तय कर लिया है. मंगलवार को जारी ‘इंडिया’ज सेक्स रेश्यो एट बर्थ बिगिन टू नोर्मलाइज़ ‘ शीर्षक वाली रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों राज्यों में प्रत्येक 100...

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मीडिया की सुर्ख़ियों से गायब है अनाजों में बढ़ती 'महंगाई दर' की बात!

कुछ राज्यों में मानसून देरी से आया है इस कारण बोये गए चावल का इलाका पिछले वर्ष की तुलना में कम हुआ है. आंकड़ो में कहें तो 29 जुलाई,2022 तक 231.59 लाख हेक्टेयर रकबे में ही चावल बोये गए हैं जोकि पिछले वर्ष के इसी समय काल की तुलना में कम (267.05 लाख हेक्टेयर) है. बोये गए चावल के इलाके में आयी कमी सहित अन्य कारणों से अनाजों के दामों में महंगाई बढ़ने का डर...

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