बिहार सरकार की ओर से प्रस्तुत किये गये बजट में शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया गया है. 2017-18 के लिए शिक्षा विभाग के लिए सरकार ने 25,251.39 करोड़ रुपये का आवंटन किया है, जो पिछले साल की तुलना में 3354 करोड़ रुपये अधिक है. राज्य सरकार तीन नये विश्वविद्यालय भी इस साल खोलने जा रही है. साथ ही मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत दो सालों में सभी घरों में...
More »SEARCH RESULT
तुम बेड़ियां काट सको तो-- सुजाता
जब शादी की बात हो, तो अक्सर सुनने में आता हैं- जोड़ियां ऊपर बनती हैं. तो क्या ऊपर ही टूटती भी होंगी? लेकिन ऐसा है नहीं. विवाह पवित्र बंधन है और विवाह का टूटना एक सामाजिक कलंक मान लिया गया है. जोड़ियां बनानेवाले ने उनमें चक्रव्यूह के अभिमन्यु की तरह जाने का आसान रास्ता तो बनाया है, निकलने का नहीं. जैसे शादी में दोनों को ‘कुबूल' होना जरूरी है, लेकिन...
More »कहानी रोशनी की और नौ लाख अति कुपोषित बच्चों के जीवन का सच
वैसे तो यह पूर्णिया जिले के सुदूरवर्ती गांव चंदरही की एक बच्ची और उसके परिवार की कथा है, मगर इस कथा में झांकेंगे तो बिहार के नौ लाख गंभीर रूप से अतिकुपोषित बच्चों के पारिवारिक जीवन की झलक मिलेगी. यहां एक मां है, जिसकी 12 साल की उम्र में शादी हो गयी. परिवार नियोजन के उपायों का पता नहीं था, सो 11 बच्चे हो गये. उनमें से पांच बेहतर स्वास्थ्य...
More »घरवालों ने बनाया बालिका वधू, कानून ने किया अनाथ
सुमेधा पुराणिक चौरसिया, इंदौर। केस- इंदौर की 16 वर्षीय मनीषा की परिवार ने शादी करा दी। वह महीनाभर ससुराल में रही। इस बीच बाल विवाह की शिकायत हो गई। प्रशासन ने उसे ससुराल से मुक्त कराकर निराश्रित बच्चों की संस्था में रखवा दिया। उसे महीनेभर का गर्भ था। हाल ही में उसका प्रसव हुआ। केस- महाराष्ट्र की 17 वर्षीय कमला का परिवार ने बाल विवाह कराया। वह पंद्रह दिन ससुराल में...
More »जननि सुरक्षा- आखिर किधर जा रहा है समाज
चिंता : शहरों में सबसे ज्यादा गर्भपात 20 वर्ष से कम आयुवर्ग की लड़कियों में मां बनना शायद दुनिया की सबसे अद्भुत नैसर्गिक प्रक्रिया है, साथ में सबसे सुखद एहसास भी. जन्म देने का जिम्मा प्रकृति ने एक औरत को शायद इसीलिए दिया है, िक इस काम के लिए जो साहस और कोमलता चाहिए, वह सिर्फ औरत में ही हो सकती है. तमाम कष्टों के बावजूद एक औरत को सबसे ज्यादा...
More »