-डाउन टू अर्थ, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (कॉप-26) के तहत 31 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच चलने वाला 26वां संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन अपनी निर्धारित समय-सीमा से एक दिन आगे तक चला। वैश्विक जलवायु संकट से निपटने को अपने प्रयासों मे तेजी लाने के लिए अंततः इसमें ग्लासगो जलवायु समझौता (जीसीपी ) पर सहमति बनी। अंतिम सत्र में 197 देशों द्वारा तैयार जीसीपी में जिन सिद्धांतों का...
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असम के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय – I
-न्यूजक्लिक, दुनियाभर में कोविड-19 के प्रसार ने एक प्रकार से भानुमति का पिटारा ही खोलकर रख दिया है, क्योंकि अधिकाँश देशों में मामलों की संख्या में दिन-दूनी रात-चौगुनी वृद्धि से निपटने के मामलों में बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहद अपर्याप्त पाया गया था। कई देशों में मौतों को रोक पाना बेहद दुष्कर कार्य जान पड़ा। महामारी ने वैज्ञानिक समुदाय के सामने एक हिमालय जैसी अलंघ्यनीय चुनौती पेश कर दी थी –...
More »डब्ल्यूटीओ के 12वें मंत्रीस्तरीय सम्मेलन में भारत के लिए "पीस क्लॉज" से "परमानेंट सलूशन" तक जाने की गंभीर चुनौती
-रूरल वॉइस, विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के 12वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी12) की बैठक 30 नवम्बर से लेकर 3 दिसम्बर के दौरान स्विटजरलैंड के जेनेवा में आयोजित की जाएगी । एमसी 12 का पिछले साल कजाकिस्तान में होने वाला यह सम्मेलन कोरोना महामारी के कारण स्थगित हो गया था । साढ़े सात दशक पहले अस्तित्व में आई बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के समय से ही डब्ल्यूटीओ के सदस्यों के बीच कृषि सबसे विवादस्पद...
More »जो थैंक्यू कहना रह गया है मोदी जी..
-न्यूजलॉन्ड्री, मेरे वैक्सीन सर्टिफिकेट में आपकी तस्वीर टंकी हुई है. बहुत सारी बातों के लिए आप खुद ही अपने विज्ञापनों में अपना धन्यवाद करवाते रहे हैं. अब तो आपके मंत्री भी अपनी जगह आप ही का फोटो छापने लगे हैं. शायद धन्य महसूस करते भी होंगे. आपके जाने के बाद जो भी नेता आपकी पार्टी और विचारधारा को मिलेगा, वह शायद ही इतना सौभाग्यशाली हो. कौन सोच सकता है कि भारत...
More »कॉप-26: वनों से भरपूर भारत ग्लासगो घोषणा-पत्र से पीछे क्यों हटा?
-डाउन टू अर्थ, दुनिया के वनों से भरपूर शीर्ष दस देशों में शामिल भारत ने जलवायु परिवर्तन पर चल रहे संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलन, कॉप-26 में उस घोषणा-पत्र से दूरी बनाए रखी, जिसमें सौ से ज्यादा देशों के नेताओं ने वनों को बचाने का संकल्प लिया गया। यह सम्मेलन स्कॉटलैंड के ग्लासगो में चल रहा है। एक भारतीय प्रतिनिधि के मुताबिक, भारत ने इस घोषणा-पत्र के तैयार मसौदे में आधारभूत संरचनात्मक विकास...
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