आम चुनाव की आपाधापी के दौरान रांची के पास नामकुम की चंद्रमुनि (25 वर्ष) की इलाज के अभाव में हुई मौत सुर्खियां नहीं बन सकीं. विडंबना है कि चंद्रमुनि खुद राज्य में सहिया अर्थात् गर्भवती महिलाओं के लिए अक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टिविस्ट थीं, जिसने 15-20 महिलाओं की स्वास्थ्य प्रसूति में सहायता प्रदान की थी. चंद्रमुनि ने एक स्वस्थ्य बच्ची को जन्म दिया था, पर उसके बाद उसकी तबीयत लगातार बिगड़ती...
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औसत भारतीय की उम्र में इजाफा- विश्व स्वास्थ्य संगठन
बीते दो दशकों में भारत में आयु-संभाविता बढ़ी है लेकिन इस मामले में भारत अभी चीन, ब्राजील और श्रीलंका से पीछे है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट वर्ल्ड हैल्थ स्टैटिक्स 2014 के तथ्यों के अनुसार साल 1990 से 2012 के बीच भारत में स्त्री-पुरुष दोनों की आयु-संभाविता में बढोत्तरी देखी गई है। इस अवधि में पुरुषों के लिए आयु-संभाविता (जन्म के समय) 57 वर्ष से बढ़कर 66 वर्ष तक पहुंची है जबकि महिलाओं के मामले में 58...
More »नवजात के लिए तरल सोना है दिव्या मदर मिल्क बैंक का दूध- पंचायतनामा डेस्क
उत्तर भारत का पहला मानव दूध बैंक राजस्थान के उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के सरकारी अस्पताल पन्नाधाई राजकीय महिला चिकित्सालय में चल रहा है. इस दूध बैंक की शुरुआत अप्रैल 2013 में की गयी. यहां आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित एक छोटे से क्लिनिक में मानव स्तन के दूध का बैंक प्रारंभ किया गया है. इसे विशेषज्ञ तरल सोना कहते हैं. यह बैंक आसपास की महिलाओं का एचआइवी और हेपटॉइटिस जैसे कुछ...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
More »सेहत का एक मोर्चा जहां पड़ोसी देशों से पिछड़ रहा है भारत !
बीते साल (2013) प्रसव के दौरान दुनिया में 2 लाख 89 हजार माताओं की जान गई जिसमें 50 हजार माताएं अकेले भारत से हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ की नई रिपोर्ट ट्रेन्डस् इन मैटरनल मोर्टालिटी एस्टीमेटस् 1990 टू 2013 के अनुसार यह संख्या प्रसव के दौरान मृत्यु का शिकार होने वाली कुल महिलाओं की संख्या का 17 प्रतिशत है और मातृ-मृत्यु दर के मामले में भारत पड़ोसी बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका और चीन से पीछे है।(कृपया रिपोर्ट...
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