झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...
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महज लिंक वर्कर नहीं सोशल एक्टिविस्ट भी हैं सहिया
झारखंड में गांव-गांव में सेहत की अलख जगाने वाली सहिया दीदी का स्वरूप महज लिंक वर्कर जैसा नहीं है. झारखंड में सेहत के मसले पर काम करने वाली संस्थाओं ने इसे सेहत के मसले पर गांव में मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता का स्वरूप दिया है. इसका काम सिर्फ गांव के लोगों को सेहत से संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराना नहीं है, बल्कि सेहत से संबंधी समस्याओं के लिए गांव के लोगों को...
More »...जब 25,000 बच्चों ने प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
देश के 25,000 से अधिक बच्चों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पोस्टकार्ड भेजकर आग्रह किया है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 68वें अधिवेशन में वह उनसे जुड़े मुद्दों को ध्यान में रखें। यह जानकारी गैरसरकारी संगठन, वर्ल्ड विजन इंडिया ने दी है। संगठन के मुताबिक, देश के 40 करोड़ बच्चों की आवाज के रूप में 25,000 पोस्टकार्ड प्रधानमंत्री को भेजे गए हैं, जिसमें उन्हें 2015 के शहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य (एडीजी)...
More »हर जिले में नहीं होती है मिट्टी की जांच
राज्य की 80 प्रतिशत जनता गांवों में रहती है और उसमें भी 80 प्रतिशत लोग सीधे तौर पर खेती से जुड़े हैं. खेती ही ऐसे लोगों की जीविका का मूल आधार है. इसके बाद भी खेती के विकास को लेकर हमारा सरकारी महकमा गंभीर नहीं है. कृषि में उत्पादकता बढ़ाने के लिए द्वितीय हरित क्रांति, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय बागवानी मिशन आदि कई केंद्र प्रायोजित योजनाओं...
More »झारखंड : 46000 बच्चों की हर साल मौत
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता के अभाव में हर साल हजारों बच्चों व मां की मौत हो रही है. इसे रोका जा सकता है. कम किया जा सकता है. इसी सिलसिले में प्रभात खबर सामाजिक जिम्मेवारी के तहत यूनिसेफ के साथ मिल कर राज्य के प्रमुख जिला मुख्यालयों में कार्यशाला आयोजित कर रहा है, ताकि जागरूकता फैले, संस्थाएं बेहतर काम करें. लोगों तक सुविधा पहुंचे, उन्हें जानकारी मिले. दोनों...
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