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कम मानदेय ज्यादा काम, UP रोडवेज़ के 35000 संविदा कर्मियों का खतरे में रोजगार

-न्यूजलॉन्ड्री,  मेरे पति नीरज परिवहन निगम में ड्राइवर के तौर कार्य करते थे. बस जब दुर्घटनाग्रस्त हुई, उस समय 53 लोग सवार थे. अगर यात्रियों की चिंता छोड़ वह बस से कूद गये होते तो अधिक से अधिक हाथ-पैर टूटता, उन्होंने ऐसा नहीं किया. बीमा राशि के लिए मैंने परिवहन निगम के अधिकारियों से मुलाकात की तो उन्होंने नीरज के लाइसेंस को ही फर्जी बता दिया. सरकारी होने के इंतजार में...

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मोदी का उदय चंद कारपोरेट घरानों का विकास है : आरएलडी उपाध्यक्ष जयंत सिंह चौधरी

-कारवां, जयंत सिंह चौधरी राष्ट्रीय लोक दल के उपाध्यक्ष हैं. इस पार्टी का पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आधार है. आरएलडी का गठन 1996 में जयंत के पिता अजित ने जनता दल से अलग हो कर किया था. इसकी पूर्ववर्ती पार्टी लोक दल थी, जिसकी स्थापना 1980 में जयंत के दादा चौधरी चरण सिंह ने की थी. चरण सिंह भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रसिद्ध किसान नेता रहे. अपनी स्थापना के बाद...

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आंध्र प्रदेश के डॉक्टर ने सुनाई कोविड स्टाफ के साथ राज्य के विश्वासघात की कहानी

-कारवां, इस मई में जब सैन्य हैलीकॉप्टर कोविड-19 अस्पतालों पर फूल बरसा रहे थे तब मैं अपने परिवार के साथ आंध्र प्रदेश के अनंतपुर शहर में था. यह महामारी की वह घटना थी जिसमें सरकार के साथ-साथ नागरिकों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों को वीरों और अपने कर्तव्य के प्रति बलिदान होने वाले "योद्धाओं" के रूप में माना. जब तमाम न्यूज चैनल स्वास्थ्य कर्मियों को सम्मानित करने के सरकार के काम की सराहना...

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कोसी त्रासदी : एक और घृणित सच

-वाटर पोर्टल, भारत की नदियों में कोसी एक ऐसी नदी है जिससे जुड़ी मिथक, कथाएँ और गीत सबसे अधिक प्रचलित हैं। कोसी नदी बेसिन के लोग कोसी के भौगोलिक से ज्यादा मिथकीय चरित्र को जानते हैं और उसमें विश्वास भी करते हैं। इसका सहज कारण भी समझा जा सकता है। दरअसल, कोसी नदी का बेसिन सघन जनसंख्या का क्षेत्र है। प्राचीन काल से ही यह अंचल मानवीय अधिवास के लिये उपयुक्त...

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‘घर बनवाने के लिए पैसे जुटाए थे लेकिन गांव का हाल देखकर नाव बनवा ली’

-द वायर, सुपौल जिले के निर्मली विधानसभा क्षेत्र का पिपराही गांव सिकरहट्टा-मंझारी तटबंध पर दीघिया चौक से करीब ढाई किलोमीटर दूर है. यहां जाने के लिए कोसी नदी की एक धारा को नाव से पार करना पड़ता है. सितंबर-अक्टूबर के महीने में पहले नदी की इस धारा में पानी कम होता था लेकिन तीन -चार वर्षों से यह नदी की मुख्य धारा बन गई है और इसमें अब पूरे 12 महीने इतना...

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