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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशवासियों के नाम लिखी चिट्ठी पढ़िए

आज से एक साल पहले भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ा. देश में दशकों बाद पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी. इस अध्याय को रचने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका रही है. ऐसे में आज का यह दिन मेरे लिए, अवसर है आपको नमन करने का, भारत और भारतीय लोकतन्त्र के प्रति आपकी इस निष्ठा को प्रणाम करने...

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आदिवासी ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ सरकार इस बार सीधे खरीदेगी 225 करोड़ रुपए के लघु वनोपज, एजेंटों की मोनोपॉली होगी खत्म

-द प्रिंट, छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से इस वित्तीय वर्ष में सीधे 225 करोड़ रुपये की योजना लघु वनोपज यानि माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस (एमएफपी) राज्य के आदिवासियों से खरीदेगी. छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के आदिवासियों से मामूली वन उपज (एमएफपी) खरीदने के लिए इस वित्तीय वर्ष में 225 करोड़ रुपये की योजना को बनाई है. आदिवासी कल्याण निकाय के प्रमुख ने दिप्रिंट को बताया है. छत्तीसगढ़ स्टेट माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस कोऑपरेटिव...

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हाल-फिलहाल में जारी हुई अधिकांश रिपोर्टें बता रही हैं कि अर्थव्यवस्था का पहिया थमने वाला है!

अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक, आधिकारिक एजेंसियों और निजी संस्थाओं द्वारा जारी की गईं अधिकांश रिपोर्टें और अध्ययन कोरोनवायरस महामारी से अर्थव्यवस्था और समाज पर पड़ने वाले प्रलयकारी प्रभावों की तरफ इशारा करते हैं. उनका अनुमान है कि दुनिया भर के विभिन्न देशों द्वारा COVID -19 (यानी सोशल डिस्टेंसिंग और क्वॉरंटीन) को कम करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन आर्थिक क्षेत्रों से संबंधित आर्थिक विकास को प्रभावित करेंगे और अधिकांश क्षेत्रों में...

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किसानों के लिए बने रिस्क मैनेजमेंट अथॉरिटी- अशोक दलवई

-आउटलुक, औद्योगिक और वित्तीय क्षेत्र की तरह भारत के कृषि क्षेत्र में भी सुधारों की जरूरत है। इसमें विदेशी कंपनियों और घरेलू कॉरपोरेट सेक्टर को निवेश की अनुमति दी जानी चाहिए। 1991 में शुरू हुए आर्थिक सुधारों की बदौलत भारत 2.7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बना है, लेकिन कृषि क्षेत्र अभी तक इन सुधारों से वंचित है। हमें यह नहीं समझना चाहिए कि कृषि क्षेत्र सुधारों के दबाव को नहीं...

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संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा

“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी”   घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह   हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...

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