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इंडिया एक्सक्लूजन रिपोर्ट--- 'वंचित भारत की एक तस्वीर'

क्या कभी आपने सोचा कि देश के शहरों में झुग्गी बस्तियां कितनी हैं, उनमें रहने वाले कौन हैं और झुग्गी-बस्तियों में इनका रहना जीना कैसा है ?अगर नहीं, तो नीचे लिखे तथ्यों पर गौर कीजिए!   देश में तकरीबन साढ़े तैंतीस हजार झुग्गी-बस्तियों होने के अनुमान हैं, महज एक दशक यानी 2001 से 2011 के बीच झुग्गी-बस्तियों में दलित आबादी में 31 फीसद का इजाफा हुआ है. कुछ राज्यों की झुग्गी-बस्तियों की...

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देश में महिलाओं को अपना अभिभावक मानने वाले परिवार कितने हैं ?

अगर आयकर चुकाना आर्थिक बेहतरी का संकेत हो तो फिर अच्छी खबर यह है कि देश के ग्रामीण इलाके में महिलाओं की प्रधानी वाले तकरीबन 4 प्रतिशत परिवार सालाना आयकर चुकाते हैं.   लेकिन इस खबर के आधार पर कोई भी राय बनाने से पहले तनिक रुककर नीचे लिखे तथ्यों पर एक नजर डालिए क्योंकि सिक्के का दूसरा पहलू भी है.   जैसा कि सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना(एसईसीसी 2011) के तथ्यों से जाहिर है...

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टेक्नोलॉजी से दूर होंगी बीमारियां और गरीबी-- डा अमित डिंडा

हेपेटाइटिस पर काबू पाने के लिए डॉ. डिंडा की टीम ने वह काम कर दिखाया, जो दुनिया में कहीं न हो सका। उधर, कल्याण ने गरीबी हटाने की बजाय प्रचुुरता व समृद्धि लाने का कमाल कर दिखाया।जानिए कैसे पाया मुकाम...   हेपेटाइटिस बी के ओरल वैक्सीन की दिशा में बड़ी कामयाबी​   दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पैथोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार डिंडा का छात्र जीवन से एक ही...

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लोगों को हुनर सिखाकर बदल सकते हैं समाज-- दशरथ सूर्यवंशी

बरसों से जलसंकट से जूझ रहे महाराष्ट्र के मराठवाड़ा अंचल के उदगीर जिले के रावणकोल में पलते-बढ़ते समय एक अलग ही तरह का सामाजिक बदलाव मेरी नज़र में आया। जल-संकट के कारण उजड़ती खेती के साथ उजड़ते गांव। लोग आजीविका की तलाश में शहर चले जाते। परिवार बिखरते। ग्रामीण अर्थव्यवस्था, खेती और ग्रामीण व्यवस्था ही नहीं बदल रही है बल्कि सामाजिक मेल-जोल व एकजुटता खत्म हो रही है, क्योंकि घट...

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बिहार: ग्रामीण सड़क के लिए पंचायतें दिलायेंगी 14 सौ एकड़ जमीन--दीपक कुमार मिश्र

पटना : ग्रामीण टोला संपर्क योजना (जीटीएसएनवाइ)के तहत बनने वाली सड़कों के निर्माण में जमीन एक बड़ी बाधा बनेगी. पांच साल के भीतर राज्य के बसावटों को बारहमासी सड़क से जोड़ देना है. 100 से कम आबादी वाले बसावटों में पंचायत के जरिये सड़क का निर्माण होगा. सड़क निर्माण के लिए बड़े पैमाने पर रैयती जमीन की जरूरत होगी. पांच साल के इस प्रोजेक्ट को पूरा...

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