बेशक ओडिशा और आंध्रप्रदेश के तटीय इलाके में “ राहत और बचाव कार्य के मामले में एक चमत्कार हुआ है ” लेकिन आपदा-प्रभावितों के पुनर्वास की चुनौती भी समान रुप से महत्वपूर्ण है। क्या निकट भविष्य में, ओडिशा, झारखंड और बिहार के लिए चक्रवात से हुए नुकसान की भरपाई कर पाना संभव होगा?( इन राज्यों में हुए नुकसान के लिए देखें नीचे दी गई लिंक) तथ्यों का संकेत है कि- ‘नहीं’।...
More »SEARCH RESULT
ऊर्जा प्रदेश की खोज में- धीरेन्द्र शर्मा
करीब तीन महीने पहले उत्तराखंड में जब तबाही मची, तो एक राष्ट्र के रूप में हम ऐसी हिमालयी आपदा के लिए तैयार नहीं थे। लेकिन तब भी कुछ पर्यावरणविदों ने यह घोषणा करने में देर नहीं लगाई कि अनियोजित मानवीय गतिविधियों ने इस आपदा को न्योता दिया है। कुछ ने कहा कि जलविद्युत परियोजनाओं ने मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है। सुरंगों के लिए पहाड़ों में किए जाने वाले विस्फोट ने...
More »आज के संदर्भ में ग्राम-स्वराज- भारत डोगरा
जनसत्ता 2 अक्तूबर, 2013 : गांधीजी ने ग्राम स्वराज्य का सपना देखा था। लेकिन आजादी मिलने के बाद जो विकास नीति अपनाई गई, उसमें इस सपने के लिए कोई जगह नहीं थी। इसीलिए ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन हमारे नीति नियंताओं को कभी चुभा नहीं। सकल राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र की घटती हिस्सेदारी भी उन्हें चिंतित नहीं करती। भारत के गांवों में आजादी के बाद कैसा बदलाव हुआ? इतने...
More »विकास की आड़ में- अजेय कुमार
जनसत्ता 30 सितंबर, 2013 : यह महज संयोग है कि जिस दिन यानी तेरह सितंबर को सोलह दिसंबर के सामूहिक बलात्कार कांड के चारों दोषियों को अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाई जा रही थी, भाजपा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर रही थी। मोदी के राज में ही गुजरात का जनसंहार और हजारों महिलाओं और बालिकाओं की इज्जत से...
More »केंद्रीय ग्रामीण विकास रिपोर्ट 2012-13
केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री जयराम रमेश ने आज यहां अपने मंत्रालय की 2012-13 की रिपोर्ट जारी की। इस अवसर पर योजना आयोग के सदस्य डॉ. मिहिर शाह और आईडीएफसी फाउंडेशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. राजीव लाल ने भी रिपोर्ट के मुख्य बिन्दुओं पर प्रकाश डाला। बाद में ग्रामीण आजीविका को बढ़ावा देने पर विचार-विमर्श भी हुआ। श्री जयराम रमेश ने सरकारी कार्यक्रमों के अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में प्रभावी नहीं होने...
More »