-इंडिया टूडे हिंदी केंद्र सरकार का अकेला बजट मंदी का भाड़ फोड़ सकता होता तो फिर छह ‘शानदार’ बजटों के बावजूद हम औंधे मुंह धंस न गए होते. अथवा टैक्स या कर्ज रियायतों के ताजे पैकेज (ऑटोमोबाइल, हाउसिंग, कॉर्पोरेट के टैक्स में कमी, एनबीएफसी, लघु उद्योग) सिर के बल खड़े न हो जाते. 2020-21 का बजट कुछ ऐसी वजहों से संवेदनशील होने वाला है जो अर्थव्यवस्था और सियासत, दोनों के लिए कीमती...
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बजट से किसान नाराज, नहीं दिखता संकट से निकलने का कोई रास्ता
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज अपना दूसरा बजट 2020-21 पेश करते समय यह ऐलान किया कि भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुकी है लेकिन किसानों का कहना है कि इस बजट में हमारे संकट का कोई समाधान नहीं है। वित्त मंत्री ने आम बजट में किसानों की भलाई के लिए वादे तो बहुत किए हैं, लेकिन इसके मुकाबले आवंटन किया केवल 2.83 लाख करोड़...
More »बजट : पीएम किसान योजना के आवंटन में 20 फीसदी कटौती का अनुमान
केंद्र सरकार पहली फरवरी 2020 को पेश किए जाने वाले आम बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) के बजट में 20 फीसदी की कटौती कर सकती है। कृषि मंत्रालय ने इस योजना के लिए आम बजट में 60,000 करोड़ रुपये की मांग की है, जबकि 2019-20 के आम बजट में इस योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था। सूत्रों के अनुसार संभावित लाभार्थियों की संख्या...
More »गोडसे ने सेकुलर नेहरू या कम्यूनल जिन्ना को नहीं, धार्मिक गांधी को ही गोली क्यों मारी?
-मीडियाविजिल यह तथ्य है जिससे हम आंख चुरा नहीं सकते कि आज ही के दिन महात्मा गांधी की हत्या हुई थी। और यह सच है जिससे हम आंख मिलाना नहीं चाहते कि इस हत्या के बाद हम सबने गांधी के विचारों की हत्या लगातार की है। अपनी हत्या के बाद गांधी इस देश के नेताओं की जुबान पर रहे। कुछ ने उनके नाम को मीठी गोली की तरह चुभलाया, जिससे उनकी राजनीति...
More »हम अंतिम दिनों वाले गांधी को याद करने से क्यों डरते हैं?
-सत्याग्रह 30 जनवरी को गांधी की शहादत का दिन कहा जाता है. बेहतर इसे गांधी की हत्या का दिन ही कहा जाना होता. लेकिन शायद हत्या को नकारात्मक और शहादत को सकारात्मक मानकर ही दूसरे शब्द को कबूल किया गया होगा. हत्या रहने से याद बनी रहती कि गांधी का क़त्ल आखिर किसी ने, किसी की ओर से, किसी वजह से किया होगा. शहादत कहते ही हम इन प्रश्नों पर विचार...
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