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45 परिवारों की जिंदगी झोपड़ी में, 55 वर्षों में न अनाज मिला

रामगढ़ शहर से 15 किलोमीटर दूर कुजू-घाटो मुख्य सड़क से उतरने पर बमुश्किल 200 मीटर दूर कुंदरिया बस्ती का मल्हार टोला़ इस टोले तक जाने के लिए पथरीली संकरी सड़क, जंगल के बीच एक ऊंचे टीले पर प्लास्टिक से बनी दर्जनों झोपड़िया़ं जंगल की सूखी झाड़ियों की घेराबंदी कर बांस-बल्ली में प्लास्टिक लगा कर लाेगाें ने 40 से 50 झोपड़ी बना लिये़ ये कोई खानाबदोश नहीं, बल्कि अपने झारखंड...

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मातृत्व लाभ हर महिला का अधिकार- ज्यां द्रेज

बच्चों का पोषण, स्वास्थ्य और उनका भविष्य मां के पेट में निर्धारित होता है. अगर मां कुपोषित और बीमार होगी, तो बच्चे भी पीड़ित होंगे. गर्भावस्था के दौरान पोषण, दवा और आराम सब समय पर मिले, यह न केवल महिलाओं के हित की बात है, बल्कि बच्चों के अधिकार और देश के विकास की बात भी है. वास्तविकता यह है कि गर्भावस्था और प्रसव भारत की गरीब महिलाओं के लिए...

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ऐसे तो नहीं खत्म होगा प्रदूषण- प्रार्थना बोराह

दिल्ली-एनसीआर की हवा के बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंचते ही सरकार हरकत में आ गई है। कहा गया है कि अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक इसी हद तक खतरनाक बना रहा, तो निजी गाड़ियों पर प्रतिबंध और निर्माण-कार्यों पर पूरी तरह रोक लगाई जा सकती है। इस तरह के आपात उपायों की हमें जरूरत भी है, क्योंकि हमारे आसपास की आबोहवा विषैली बन चुकी है और हर कोई सांस की समस्या,...

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पुलिस सुधार का असली मकसद- विभूति नारायण राय

लखनऊ में बीते दिनों विवेक तिवारी की हत्या क्या एक बड़े प्रदेश में अपवाद स्वरूप कभी-कभार होने वाली असाधारण, किंतु जिसकी वजह से बहुत अधिक परेशान न हुआ जाए, ऐसी घटना थी? ऐसा तो नहीं कि यह शरीर में बहुत दिनों से पक रहा कोई ऐसा फोड़ा था, जो बीच-बीच में फूटता था, लेकिन हम उसे थोड़ा-बहुत पोंछ-पांछकर खुद को साफ-सुथरा महसूस करने लगते थे। पर इस बार तो यह...

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किसान आंदोलन का नया स्वरूप- मणीन्द्र नाथ ठाकुर

किसानों के प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि खेती किसानी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. यह तो तय है कि जैसे-जैसे उत्पादन में उद्योग धंधे और पूंजी का महत्व बढ़ता जायेगा, वैसे-वैसे किसानों की हालत बिगड़ती जायेगी. दुनियाभर के पूंजीवादी देशों को देखकर लगता है कि बिना सरकारी सहायता के किसानों की हालत अच्छी नहीं हो सकती है. भारत में पूंजीवाद के बढ़ते कदम...

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