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छह महीने में शुरू होंगी एक लाख करोड़ की परियोजनाएं

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। सरकार ने देश में बुनियादी ढांचे के निर्माण की रफ्तार बढ़ा दी है। अगले छह महीने में सरकार एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं पर काम शुरू करने को तैयार है। अगले दो महीने में कुछ परियोजनाओं के लिए निविदा प्रक्रिया भी शुरू होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को बुनियादी क्षेत्र की परियोजनाओं की प्रगति का जायजा लेने के लिए एक उच्चस्तरीय...

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स्थानीयता की ताकत- एफएओ की नई रिपोर्ट

भारत में कुल कृषि-भूमि का तकरीबन 45 फीसद हिस्सा सिंचित-भूमि की श्रेणी में आता है और इस भूमि के 50 फीसदी हिस्से पर सिंचाई भूमिगत जल के दोहन से होती है। ग्रामीण इलाके में पेयजल की कुल खपत में 85 फीसदी की हिस्सेदारी भूमिगत जल की है लेकिन वे दिन दूर नहीं जब पानी का यह संसाधन दुर्लभ हो जाएगा। समझदारी इसी में है कि भूमिगत जल को साझे की...

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झोपड़पट्टी पुनर्वास योजना पर जन आयोग रिपोर्ट जारी- एनएपीएम

मुंबई, जून २४: न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी. न . देशमुख, उच्च न्यायलय, औरंगाबाद के द्वारा झोपर्पत्ति पुनर्वास योजना पर जन आयोग रिपोर्ट आज लोकार्पित किया गया| योजना में शामिल कुछ हजार झुग्गीवासियो के द्वारा की गयी अनियमितता की शिकायतों पर पूर्ण जाँच के लिए इस इस आयोग का गठन जन आन्दोलनो के राष्ट्रीय समन्वय द्वारा किया गया था| आयोग का गठन इसलिए भी किया गया क्योंकि महाराष्ट्र सरकार न्यायमूर्ति सुरेश...

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खाद्यान्न गोदाम बनाने में हरियाणा समेत छह राज्य पिछड़े

निजी क्षेत्र की भागीदारी से खाद्यान्न भंडारण के लिए गोदाम बनाने के काम में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल का प्रदर्शन खराब है। खाद्य मंत्रालय ने यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजी है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की प्राइवेट इंटरप्रिन्योर्स गारंटी (पीईजी) स्कीम में गोदाम बनाने की प्रगति पर पीएमओ को भेजे स्टेटस नोट में मंत्रालय ने कहा है कि बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश...

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श्रम में खोता बचपन

बाल श्रम हमारे समय की एक दुखद सच्चई है. तरक्की के तमाम दावों के बावजूद आज हम उद्योग-धंधों से लेकर घर के भीतर तक पूरी दुनिया में किसी न किसी रूप में बाल श्रमिकों को देख सकते हैं. इसकी रोकथाम के लिए बेशक कई कानूनी प्रावधान किये गये हों, लेकिन पिछड़े क्या विकसित कहे जाने वाले समाजों तक में लाखों बच्चों का बचपन पेट की भूख मिटाने में दफन हो जाता है. वर्ल्ड...

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