शहर कैसा होता है? इन्हें नहीं पता। बस कैसी होती है? ये नहीं जानतीं। "शायद शहर में मेम रहती है। मुझे पता नहीं। शहर बहुत बड़ा होगा। वहां बिजली होगी। जगमग-जगमग करता होगा। वहां मेले लगते होंगे। शहर की लड़कियां बहुत ख़ूबसूरत होंगी लेकिन मैंने उन्हें कभी नहीं देखा।" ये कल्पना है, कालाहांडी के पेर्गुनी पाड़ा गाँव में रहने वाली ललिता की, जिसने कभी शहर नहीं देखा है। ललिता के सपनों...
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समावेशी विकास का वायदा- जयराम रमेश
कांग्रेस के 2014 के घोषणापत्र के आवरण पर प्रकाशित 'आपकी आवाज-हमारा संकल्प' बखूबी अपना संदेश प्रकट कर देता है। राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश में तीस से अधिक सुझावों और 1.3 लाख लोगों के विचारों को शामिल करके तैयार किया गया यह घोषणापत्र लंबे समय से पार्टी के आदर्श रहे न्याय, समता और गरिमा के विचारों पर आधारित है। तेजी से आधुनिक हो रहे देश के लिए यह...
More »मीडिया की मर्यादा- सुशील कुमार महापात्र
मीडिया की समाज में काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है। मीडिया को लोकतांत्रिक व्यवस्था का चौथा स्तंभ भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी जिम्मेदारी देश और लोगों की समस्याओं को सामने लाने के साथ-साथ सरकार के कामकाज पर नजर रखना भी है। लेकिन पिछले कुछ दिनों में मीडिया की कार्यप्रणाली और रुख पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। सवाल यह है कि क्या मीडिया बदल रहा है? क्या मीडिया के नैतिक...
More »बेतहाशा बढ़ते शहरों में टूटती सांसें गुरुवार- एंड्रयू जैकब और इयान जॉहसन
पेरिस में कारों से निकलने वाला धुआं हो या नई दिल्ली में लकड़ी या गोबर से जलने वाला चूल्हा, वायु प्रदूषण की वजह से विश्व भर में वर्ष 2012 में 70 लाख लोगों की मृत्यु हुई है। यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन का है, जिसे बीते मंगलवार को जारी किया गया। इन मौतों में एक-तिहाई से अधिक तेजी से विकसित हो रहे एशियाई देशों में हुई, जहां हृदय और फेफड़े संबंधी...
More »गरीबी उन्मूलन के काफी करीब है भारत
दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में से एक और बिल ऐंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-संस्थापक मेलिंडा गेट्स मानती हैं कि आज का भारत पहले की तुलना में बेहतर है और वह गरीबी उन्मूलन के अपने लक्ष्य के काफी करीब पहुंच चुका है। वह यह भी मानती हंत कि हर भारतीय को आज स्वास्थ्य सेवा मिलती है। पिछले दिनों जब वह दिल्ली आई हुई थीं, तब उनसे विद्या कृष्णन ने...
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