यह सच है कि फल-सब्जियों की कीमतें बढ़ी हैं और यह भी सच है कि बीते बीस सालों(1991-91 से 2012-13) में देश में फल-फूल, सब्जी और मसालों की खेती का रकबा दोगुना बढ़ा है। नतीजतन, वानिकी-उत्पादन में तकरीबन तीन गुना(2.8 प्रतिशत) की बढ़ोत्तरी हुई है। कृषि मंत्रालय की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि बीते बीस सालों में वानिकी का रकबा 1 करोड़ 20 लाख 77 हजार हैक्टेयर से...
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काली कमाई की पेचीदगियां - संजय कपूर
आखिर देश का काला धन कहां पर है? विदेशों में जमा काले धन को देश में लाने में यूपीए सरकार की नाकामी पर आंदोलन करने वालों ने हमें बताया था कि यह पैसा स्विट्जरलैंड या दूसरे 'टैक्स हेवंस" में जमा है। ये संकेत भी दिए गए थे कि अगर इस रकम को भारत ले आएं तो वह तमाम गरीबी व पिछड़ेपन को दूर कर सकती है। कुछ आंकड़ों के मुताबिक...
More »जिलाधीश नहीं बाबू उमराव तो जलाधीश हैं- स्वतंत्र मिश्र
उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास ही किसी गांव में जन्मे उमाकांत उमराव ने मध्य प्रदेश के देवास में जिलाधीश के पद पर लगभग डेढ़ साल की एक छोटी सी अवधि में यहां की पारंपरिक तालाब संस्कृति को अपने बूते जिंदा कर दिखाया जिसकी वजह से यहां के बच्चे-बूढ़े, औरतें सभी उनके दीवाने हो गए और उन्हें श्रद्धा से भरकर जलाधीश (जल देवता) कहकर पुकारने लगे। मालवा क्षेत्र के सबसे सूखे...
More »नरेगा : प्रधानमंत्री के नाम गणमान्य नागरिकों की चिट्ठी
सेवा में, 13 अक्तूबर 2014 श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री, भारत ...
More »अर्थशास्त्रियों ने की प्रधानमंत्री से गुजारिश, मनरेगा के प्रावधानों को कमजोर न किया जाए
नई दिल्ली: देश के कई प्रमुख अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम (मनरेगा) के प्रावधानों को कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। इस कार्यक्रम के जरिये लाखों गरीबों को आर्थिक सुरक्षा मिली है। प्रधानमंत्री को लिखे खुले पत्र पर दस्तखत करने वालों में दिलीप एब्रेयू (प्रिंसटन विश्वविद्यालय), प्रणब बर्धन (कैलिफोर्निया बर्कली विश्वविद्यालय), वी भास्कर (ऑस्टिन में टेक्सस विश्वविद्यालय), ज्यां द्रेज (अतिथि प्रोफेसर, रांची विश्वविद्यालय),...
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