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ग्लेशियर पिघलने से करोड़ों लोग होंगे प्रभावित

दुबई। आने वाले दशकों में हिमालय के ग्लेशियर पिघलकर छोटे होने से उनके आसपास रहने वाले करीब छह करोड़ लोगों को खाद्य पदार्थों की किल्लत के साथ-साथ पानी के स्रोत खत्म होने से फसलों के नुकसान से भी दो-चार होना पड़ेगा। हालैंड के वैज्ञानिकों ने एक ताजा अध्ययन में यह दावा किया है। हालांकि साइंस जर्नल में प्रकाशित इस अध्ययन के लेखक वैज्ञानिकों ने कहा है कि यह नुकसान जलवायु...

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हरे कानून बदलेंगे रहन-सहन की तहजीब

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। जलवायु परिवर्तन के खतरों के खिलाफ देश में धीरे-धीरे खड़ी हो रही हरे कानूनों की नई बाड़ का असर आने वाले कुछ दिनों में आम आदमी की जिंदगी पर नजर आने लगेगा। मामला साफ हवा के नए मानकों का हो या ई-कचरे को नियंत्रित करने के पैमानों का। पर्यावरण केंद्रित नियम-कायदों का नया सांचा देश में रहन-सहन की तहजीब को नई शक्ल देने में जुटा है। बीते एक साल में सरकार...

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जीन का जिन्न-- देविंदर शर्मा

एक बार जीन बाहर आ जाए तो इसे रोकने का कोई रास्ता नहीं है.   इसका लंबे समय से डर था. सामाजिक कार्यकर्ता और सजग वैज्ञानिक इसकी चेतावनी दे चुके थे, किंतु सरकार ने आंखें मूंदे रखीं. अब डर सच साबित हो चुका है. इसने पर्यावरण प्रदूषण के एक और विनाशकारी रूप-जीन प्रदूषण पर चिंता बढ़ा दी है. जीएम धान दिल्ली के एक अनुसंधान संगठन 'जीन कैंपेन' ने पता लगाया है कि बीज कंपनी...

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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...

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तब धरती के सीने को भट्टी बना देंगे पौधे!

मुंबई। अब तक माना जाता रहा है कि पेड़-पौधे धरती का तापमान कम रखने में मददगार हो सकते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों ने एक नए अध्ययन में पाया है कि अगर वायुमंडल में कार्बन डाईआक्साइड की अधिकता हो गई तो पेड़-पौधे धरती की सतह को सीधे गर्म कर देंगे। बेंगलूर स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस [आईआईएससी] के प्रोफेसर गोविंदसामी बाला ने बताया कि हाल ही में किए गए एक वैश्विक माडल अध्ययन में इस अवधारणा पर...

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