रोजमर्रा के राजकाज में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम समझा जाने वाला सूचना का अधिकार नियम गंभीर खतरे की जद में है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान इस ऐतिहासिक अधिनियम को बार-बार अपनी उपलब्धि कहकर भुनाने वाली यूपीए सरकार अब सत्ता के गलियारों में ऊंची कुर्सियों पर काबिज लोगों के आगे झुकते हुए इस अधिनियम में बदलाव करने वाली है ताकि नागरिकों के हाथ मजबूत करने वाला...
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बालको हादसा : मजदूरों की जान जोखिम में
रायपुर। राज्य निर्माण के नौ वर्ष में बेशक छत्तीसगढ़ ने तेजी से तरक्की की है और यहां औद्योगिक विकास भी खूब हुआ है, लेकिन इन सब के बावजूद बालको हादसे ने यह साबित कर दिया है कि उद्योग सुरक्षा मापदंडों का पालन करने में कहीं न कहीं कोताही बरत रहे हैं और मजदूरों की जान जोखिम में है। राज्य के कोरबा जिला मुख्यालय से लगे भारत एल्यूमीनियम कंपनी लिमिटेड के...
More »ग्राम न्यायालय- कितने दिन- कितने कोस?
सुप्रीम कोर्ट का हालिया बयान कहता है-देश की अदालतों में कुल ढाई करोड़ से ज्यादा मुकदमे निपटारे की बाट जोह रहे हैं। विधि मंत्रालय का सुझाव है कि देश में अदालतों की तादाद मौजूदा संख्या के पांच गुनी बढ़ायी जानी चाहिए। मगर सरकार ने ग्राम न्यायालय अधिनियम में प्रावधान किया है कि महज ५००० ग्राम न्यायालय स्थापित किए जाएंगे- यानी अदालतों की संख्या में महज ५० फीसदी का इजाफा होगा...
More »नरेगा- पहले संशोधन फिर स्पष्टीकरण
न संसद में चर्चा हुई,न रोजगार गारंटी परिषद में बात और न ही सरकार ने किसी मंच पर इसका जिक्र किया, एकदम गुपचुप दलितों के हाथ से नरेगा के लाभ छीन लिए गए। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में २२ जुलाई को दलित विरोधी संशोधन किया । संशोधन के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया हुई है तो अब केंद्र सरकार की तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया...
More »नरेगा- पहले संशोधन फिर स्पष्टीकरण...
न संसद में चर्चा हुई,न रोजगार गारंटी परिषद में बात और न ही सरकार ने किसी मंच पर इसका जिक्र किया, एकदम गुपचुप दलितों के हाथ से नरेगा के लाभ छीन लिए गए। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) में २२ जुलाई को दलित विरोधी संशोधन किया । संशोधन के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रतिक्रिया हुई है तो अब केंद्र सरकार की तरफ से एक स्पष्टीकरण जारी किया...
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