नहीं है कोई डिग्री, कर रहे किसानों की मुश्किलों को दूर गिरीश बद्रगोंड बीजापुर जिले के निवासी हैं. उन्हें मशीनों से लगाव है. लेकिन, मशीनों के संबंध में शोध करने की कोई डिग्री नहीं है. लिहाजा, वे छोटे-छोटे मशीनों का आविष्कार कर किसानों की मुश्किलों का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं. आज स्थिति यह है कि वे सैंटेप सिस्टम नामक कंपनी में पार्टनर हैं और कृषि तकनीक के उत्पादन...
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मिटे इंडिया और भारत का अंतर-- विश्वनाथ सचदेव
किसान नेता शरद जोशी ने ही पहली बार ‘इंडिया' और ‘भारत' का नारा दिया था. यह नारा देकर उन्होंने शहरी भारत व ग्रामीण भारत के अंतर को उजागर किया और इस अंतर को मिटाने की जरूरत को भी रेखांकित किया. सार्वभौम, समाजवादी पंथ-निरपेक्ष जनतांत्रिक गणतंत्र की घोषणा करनेवाले आमुख के बाद हमारे संविधान की शुरुआत जिन शब्दों से होती है, वह है ‘इंडिया जो कि भारत है.' हमारे संविधान निर्माताओं ने...
More »डंकन समूह के चाय बागान में एक और मौत
अलीपुरद्वार : रविवार की सुबह एक बार फिर डंकन समूह के चाय बागान में एक श्रमिक की मौत हो गयी. मृत श्रमिक का नाम बेनेडिक्ट डुंगडुंग (56) है. वह वीरपाड़ा चाय बागान के चर्च लाइन का रहने वाला था. परिवार के लोगों ने बताया कि आर्थिक अभाव की वजह से उसका उचित इलाज नहीं कराया जा सका, जिसकी वजह से उसकी मृत्यु हो गयी. वह...
More »वह आदिवासियों की उम्मीद थे- बाबा मायाराम
बी. डी. शर्मा (ब्रह्मदेव शर्मा) जी नहीं रहे, यह खबर मुझे रांची में मिली। उनका निधन 6 दिसंबर को हो गया। उस समय मैं झारखंड के मित्र सुनील मिंज से वहां तेज गति से होने वाले औदयोगिकीकरण की कहानियां सुन रहा था। जल, जंगल, जमीन जैसे संसाधन किस तरह से आदिवासियों से छीने जा रहे हैं, यह झारखंड में देखा जा सकता है। यही हाल छत्तीसगढ़, ओडिशा और देश के...
More »सब्सिडी को कैसे करें काबू?-- वरुण गांधी
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए सार्वजनिक कर्ज की ब्याज अदायगी के लिए 4,55,145 करोड़ रुपये रखे हैं। इसमें तेल विपणन कंपनियों और फर्टीलाइजर कंपनियों के लिए दी गई विशेष प्रतिभूतियां शामिल हैं। फर्टिलाइजर कंपनियों को दी जाने वाली कुल सब्सिडी 72,968 करोड़ रुपये है, जिनमें से छठा हिस्सा आयातित यूरिया के लिए रखा गया। हमारी खाद्य सब्सिडी की कुल लागत 1,24,419 करोड़ की है, इसमें 64,919 करोड़...
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