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गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश अगले साल

जयपुर. राज्य के कमजोर और पिछड़े वर्ग के बच्चों को अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत निजी स्कूलों की पहली कक्षा में 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेश के लिए अभी एक साल इंतजार करना होगा। राज्य में इस कानून का यह प्रावधान 1 अप्रैल, 2011 से लागू होगा। वजह यह है कि कुछ निजी स्कूल प्रबंधकों ने अपनी प्रवेश प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी कर लेने का तर्क दिया था, लेकिन इसी बीच केंद्र व राज्य सरकार...

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अमीरी-गरीबी के बीच बढ़ता फासला

नई दिल्ली [निरंकार सिंह]। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि 11वीं योजना के अंत तक नौ फीसदी और 12वीं पंचवर्षीय योजना में 10 फीसदी विकास दर का लक्ष्य होना चाहिए। इसके साथ यह भी सुनिश्चित करना होगा कि इसका फायदा समाज के हर वर्ग को मिले। इनकी सरकार लगातार समावेशी विकास के दावे कर रही है, लेकिन उसने विकास के उन तौर तरीकों को अपनाया है, जिससे समाज में विषमता बढ़ गई है। अमीरी और...

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खूबसूरत दिल्ली की बदरंग हकीकत

नई दिल्ली [श्रीपाल जैन]। अक्टूबर 2010 में कामनवेल्थ गेम्स के आयोजन की कामयाबी के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार सिंगापुर और पेरिस की तर्ज पर दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने में जुटी हुई हैं। जगह-जगह फ्लाई ओवर, सब-वे, फुट ब्रिज, जल निकासी लाइन, पार्किग स्थल, मेट्रो लाइन, सड़कों को चौड़ा एवं बेहतर बनाने के कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं। इससे दिल्ली के आम बाशिंदों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं...

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सरकारी सुस्ती में होम होंगे जनता के पांच खरब

नई दिल्ली। सरकारी योजनाओं पर अमल में सुस्ती के चलते जनता की गाढ़ी कमाई के पांच खरब रुपये बर्बाद होंगे। यह बर्बादी सिर्फ केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित 589 परियोजनाओं के देर से पूरा होने के कारण होगी। योजना क्रियान्वयन एवं सांख्यिकी मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने सोमवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ये परियोजनाएं निर्धारित समय पर पूरी होतीं तो इन पर 5,54,114 करोड़ की लागत आनी थी, लेकिन अब...

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पत्थरों की खदानों से लौटा बचपन || बिदिसा फौजदार/शिरीष खरे ||

कभी बाल मजदूरी करने वाला महेन्द्र अब बच्चों के अधिकारों से जुड़ी कई लड़ाईयों का नायक है। महेन्द्र के कामों से जाहिर होता है कि छोटी सी उम्र में मिला एक छोटा सा मौका भी किसी बच्चे की जिंदगी को किस हद तक बदल सकता है। महेन्द्र रजक, इलाहाबाद जिले के गीन्ज गांव से है- जहां की भंयकर गरीबी अक्सर ऐसे बच्चों को पत्थरों की खदानों की तरफ धकेलती है। महेन्द्र...

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