बीता वर्ष 2015 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है. हालांकि, पिछले करीब एक दशक में कई वर्ष ऐसे रहे हैं, जो उस समय तक सबसे गर्म साल के रूप में आंके गये, लेकिन वर्ष 2015 को इसलिए भी अहम माना जा रहा है, क्योंकि क्लाइमेट चेंज के लिहाज से विशेषज्ञों ने इसे 'टिपिंग प्वाइंट' करार दिया है. क्या इंगित करता है यह टिपिंग प्वाइंट, क्यों जतायी जा रही...
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फिर भारत की खोज-- कुमार प्रशांत
हम खोजते उसे हैं, जिसकी जरूरत तो लगती है, पर वह हमारे पास होती नहीं है; या जो कभी मिली थी और अब खो गई है। भारत के साथ दोनों स्थितियां हैं। दार्शनिक जद्दू कृष्णमूर्ति से कभी किसी ने भारत की खोज करने की ऐसी ही बात की थी, तो उन्होंने पलट कर पूछा था : क्या तुम्हें कहीं कोई भारत मिला? क्या तुमने कहीं भारत की विशालता जितना बड़ा...
More »चमक-दमक के पीछे छिपी कालिख को पहचानें - धर्मेंद्रपाल सिंह
आम धारणा यह है कि देश के बाहर जाने वाले काले धन का मुख्य स्रोत नेताओं या बड़े सरकारी अफसरों को मिलने वाली रिश्वत, घरेलू व्यापारियों द्वारा इनवॉइस में हेराफेरी से होने वाली दो नंबर की कमाई या हवाला कारोबार से उपजा पैसा है। लेकिन काले धन पर ग्लोबल फाइनेंशियल इंटिग्रिटी (जीएफई) की ताजा रिपोर्ट पढ़ने के बाद यह धारणा पुर्जा-पुर्जा होकर बिखर जाती है। जीएफई की हाल माह में...
More »'नेट न्यूट्रैलिटी' है जरूरी, इंटरनेट पर क्यों हो किसी का एकाधिकार?
भारत में इंटरनेट का उपयोग करनेवालों की संख्या पिछले साल ही 35.4 करोड़ से अधिक हो चुकी थी. इसमें करीब 60 फीसदी इसका इस्तेमाल मोबाइल फोन पर करते हैं. यह संख्या लगातार बढ़ रही है. लेकिन, इंटरनेट तक सभी लोगों की पहुंच समान रूप से रहे या किसी कंपनी को अलग-अलग वेबसाइट्स के लिए अलग-अलग दरें और स्पीड तय करने का एकाधिकार मिले, इस पर इन दिनों जोरदार बहस...
More »विज्ञान से दूर क्यों चली जाती हैं लड़कियां- ऋतु सारस्वत
मैसूर विश्वविद्यालय में महिला साइंस कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में मानव संसाधन विकास मंत्री ने विज्ञान में महिलाओं के पिछड़ने के लिए पुरुषों के रवैये को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि सांइस प्लूटोनियम को संवर्धित कर सकती है, लेकिन पुरुषों के दिलों को नहीं बदल सकती। यदि ऐसा होता, तो महिलाओं को आगे लाने के लिए महिला साइंस कांग्रेस जैसे आयोजन की जरूरत नहीं पड़ती। आंकड़े बताते हैं कि...
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