SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1065

मध्यप्रदेश: एक चौथाई डिफाल्टर किसानों ने नहीं ली ब्याजमाफी

भोपाल। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मध्यप्रदेश में सरकार आने पर किसानों का कर्ज माफ करने की घोषणा क्या की, प्रदेश सरकार की आकर्षक ब्याज माफी योजना अपना आधा लक्ष्य भी तय नहीं कर सकी। साढ़े 16 लाख डिफाल्टर किसानों में से सिर्फ 3 लाख 75 हजार 291 किसानों ने योजना में शामिल होकर मूलधन जमा कराया। जबकि 8 लाख 14 हजार 877 किसानों ने योजना में हिस्सेदारी करने बाकायदा...

More »

न्याय की प्रतीक्षा में आदिवासी!- सी आर मांझी

भारतीय संविधान के आधार पर आदिवासियों की पहचान को अनुसूचित जनजातियों के नाम से जाना जाता है. परंतु यह सर्वज्ञात है कि भारत की आजादी के पूर्व और आजादी के बाद भी व्यावहारिक दृष्टिकोण से आदिवासी समुदाय में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया है. यह समाज अपने स्तर से अपनी असली आदिवासी की पहचान एवं परिचय को संजोकर आदिम परंपरागत निष्ठा, निश्छलता, आदर्श एवं धार्मिक आस्था को बनाये रखा...

More »

सुप्रीम कोर्ट का सख्त निर्देश, सोशल मीडिया समेत कहीं भी प्रकाशित-प्रसारित ना हो यौन पीड़ित की तस्वीरें

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने देश में हर तरफ महिलाओं और बच्चियों के साथ बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और सोशल मीडिया से कहा कि देश में यौन उत्पीड़न की घटना की पीड़ितों की तस्वीरें किसी भी रूप में प्रकाशित या प्रदर्शित नहीं की जाये. शीर्ष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा...

More »

TRAI चीफ आरएस शर्मा का दावा, Aadhaar नंबर जारी करने से नहीं बढ़ता Digital नुकसान का खतरा

नयी दिल्ली : दूरसंचार नियामक ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने मंगलवार को कहा कि किसी व्यक्ति की आधार संख्या की जानकारी सार्वजनिक होने मात्र से संबंधित व्यक्ति के लिए ‘डिजिटल खतरा ' नहीं बढ़ता. शर्मा ने ट्विटर पर अपनी आधार संख्या जारी करते हुए इंटरनेट पर सेंध लगाने वालों को खुद को नुकसान पहुंचाने की चुनौती दी थी. हालांकि उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि कहा कि 12...

More »

क्रांति जिससे आजादी की राह निकली-- मृदुला मुखर्जी

‘भारत छोड़ो' (क्विट इंडिया) के नारे के साथ 1942 में ‘अगस्त क्रांति' की शुरुआत हुई थी। इस आंदोलन में हर तबके के लोगों ने हिस्सा लिया। किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौजवानों के साथ-साथ विभिन्न विचारधारा के लोगों ने इसमें शिरकत की और अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। वह दूसरे विश्व युद्ध का समय था और लोगों के लिए कठिन माहौल था। ब्रिटिश सरकार ने तमाम तरह के सख्त कानून थोप दिए थे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close