प्रभात खबर, भारत गंभीर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है. रुपये में कमजोरी लगातार बनी हुई है. इसकी बड़ी वजह यह है कि व्यापार घाटा काबू में नहीं आ रहा है. शुक्र है कि कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी गिरावट आ चुकी है, अन्यथा भारत के लिए वित्तीय संकट और गहरा हो जाता. भारत दुनिया के सबसे बड़े तेल आयातकों में शामिल है. वह अपनी जरूरत का 85 फीसदी...
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झारखंड में विकास की राशि भी खर्च नहीं होती- मनोज प्रसाद
प्रभात खबर,राज्य गठन के बाद से ही यहां विकास कार्य के लिए मिली राशि की चौथाई भी सरकारी महकमे खर्च नहीं कर पा रहे. सरकारी अफसरों की अकर्मण्यता से हर साल करोड़ों रुपये लैप्स कर जाते हैं. राज्य की जनता को उनके हक से वंचित कर दिया जाता है, जबकि इसी काम के लिए लाखों रुपये का वेतन सरकारी अधिकारी उठाते हैं. राज्य में विधानसभा चुनाव हो रहा है....
More »मानवरहित रेलवे क्रासिंग खत्म करने में 15 वर्ष लगेंगे
उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन की टक्कर से पांच मासूम बच्चों की असमय मौत हो गई और 17 जख्मी हो गए। ऐसे हादसों पर त्वरित अंकुश लगाने के लिए रेल मंत्रालय के पास कोई एक्शन प्लान नहीं है। 11563 मानवरहित रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज (आरओबी), रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) बनाने अथवा बंद करने की योजना है, लेकिन इसे पूरा होने में कम से...
More »राज्यों को अपने संसाधन स्वयं सृजित करने चाहिए: जेटली
केंद्रीय बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्र की तरफ से राज्यों को दिए जाने वाले अनुदान में कटौती का आज संकेत दिया। उन्होंने कहा कि राज्यों को विकास और अन्य योजनाओं के लिए संसाधन सृजित कर खुद अपने सहारे खड़ा होना होगा। जेटली ने यहां एक जनसभा में कहा कि वे दिन अब बीत गए हैं जब केंद्र धन उपलब्ध कराता था और राज्य सरकारे शासन करती थीं।...
More »छत्तीसगढ़ : अकाल मौतों के साए में धन का अकाल
आवेश तिवारी, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में नसबंदी के दौरान होने वाली मौतों के पीछे वजह जो भी हो ,लेकिन यह सच है कि राज्य में नसबंदी का कार्यक्रम भारी धनाभाव में चलाया जा रहा है । नईदुनिया ने अपनी पड़ताल में पाया कि 2013-14के दौरान छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन से 720 कैम्पों के लिए प्रति कैम्प 15 हजार रूपए की दर से 1 करोड़ 8 लाख रूपए की...
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