मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों दवा की ! देश में खेती-किसानी का हाल कुछ ऐसा ही है. किसान-आत्महत्या के नये आंकड़े संकेत करते हैं कि बीते 2 सालों में देश में कृषि-संकट और ज्यादा गहरा हुआ है. खेतिहर मजदूर से ज्यादा किसानों की आत्महत्या एनसीआरबी की नई रिपोर्ट के मुताबिक एक साल के भीतर(2014 से 2015) किसान-आत्महत्या की संख्या में 41.7 फीसद का इजाफा हुआ है जबकि आत्महत्या करने वाले खेतिहर मजदूरों की संख्या में तकरीबन एक...
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छोटे उद्योगों पर हो टैक्स की छूट-- डा. भरत झुनझुनवाला
देश में रोजगार की स्थिति यूपीए के कार्यकाल से ही बिगड़ती आ रही है. लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2011 में 9 लाख रोजगार उत्पन्न हुए थे. वर्ष 2013 में यह 4 लाख रह गया. वर्ष 2015 में मात्र 1,35,000 रोजगार उत्पन्न हुए. वर्तमान में रोजगार सृजन की बिगड़ती स्थिति का संकेत छोटे उद्योगों के हालात से मिलता है. देश में अधिकतम रोजगार छोटे उद्योगों में ही उत्पन्न...
More »AIIMS: एक लाख नहीं है इसलिए घर नहीं जा पा रहा सीवान का रोहित
बिहार के सीवान का रहने वाला चौदह साल का रोहित कुमार एक साल पहले अपने घर जा सकता था, लेकिन एक साल से वह एम्स के वार्ड में पड़ा है क्योंकि उसके पास एक लाख रुपये नहीं हैं। दरअसल रोहित को एक पोर्टेबल वेंटिलेटर चाहिए जिसे खरीद पाने में उसका परिवार असमर्थ है। नई दिल्ली के एम्स के न्यूरो सर्जरी वार्ड-3 के 19 नंबर बेड पर रोहित को पिछले एक साल...
More »स्कूली शिक्षा में मामूली सुधार के संकेत पर स्थिति चिंताजनक
विद्यालयों की दशा देशव्यापी स्तर पर स्कूलों में सभी आयु वर्ग के नामांकन में बीते दो सालों में बढ़ोतरी हुई है, पर शैक्षणिक स्तर पर प्रगति असंतोषजनक है. बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में छह से 15 साल के 11.1 करोड़ बच्चों के पढ़ने की क्षमता खराब बनी हुई है. पूरे देश में स्कूली बच्चों की संख्या 25.2 करोड़ है. अगर इन चार राज्यों में शिक्षा में बेहतरी नहीं...
More »आम बजट आम लोगों के लिए-- बिभाष
बजट बसंती जाड़े से खिसक कर चिल्ला ठंडे के मौसम में आ गया है. कड़कड़ाती ठंड में बजट की तैयारियां चल रही ही हैं कि इसी बीच दो रिपोर्ट चर्चा में आ गयीं. एक रिपोर्ट है वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा जारी इन्क्लुसिव डेवलपमेंट इंडेक्स-2017 और दूसरी रिपोर्ट है ऑक्सफैम रिपोर्ट. दोनों ही रिपोर्ट पूंजीवादी संस्थाओं द्वारा जारी की गयी हैं. इन रिपोर्टों को पढ़ने से साफ झलकता है कि...
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