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यूपी में प्राइवेट लैब 25 सौ रुपये में करेंगी कोरोना की जांच

-इंडिया टूडे, उत्तर प्रदेश सरकार ने निजी क्षेत्र की प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना संक्रमण की एकल चरण जांच के लिए अधिकतम फीस 2,500 रुपये निर्धारित की है. मांगे जाने पर इन प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता ऑडिट के लिए नमूने चिकित्सा महाविद्यालयों तथा रेफरल प्रयोगशालाओं को उपलब्ध कराना होगा. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने इस आशय का शासनादेश गुरुवार (18 जून) को जारी किया. शासनादेश में इस बात का जिक्र है कि...

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अब जिंदगियां बचाना ही सबसे जरूरी

-इंडिया टूडे, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने एसोसिएट एडिटर सोनाली अचार्जी के साथ बातचीत में बताया कि कोरोना महामारी के बारे में पिछले कुछ महीनों में कैसे समझ विकसित हुई और जांच की मौजूदा स्थिति तथा आगे की संभावनाएं क्या हैं. कुछ अंश: ● कोविड-19 को पहले गंभीर किस्म के फ्लू जैसा बताया गया था, फिर इसे प्रतिरोधक क्षमता पर आधात करने वाला बताया गया. अब...

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लॉकडाउन का असर मध्यप्रदेश के नवजात बच्चों पर भी, संस्थागत प्रसव में कमी

-डाउन टू अर्थ, मध्यप्रदेश के रीवा जिले के अंसरा गांव में गर्भवती महिला शिवजानकी (26) अपना प्रसव अस्पताल में कराना चाह रही थी। प्रसव पीड़ा से पहले एंबुलेंस बुलाने के लिए उनके पति मिथिलेश कोल ने कई फोन किए, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। थक-हारकर शिवजानकी का प्रसव घर में ही कराने का फैसला हुआ। 21 मई को शिवजानकी ने प्रियांशी को जन्म दिया। कोविड-19 महामारी से लड़ाई के लिए लगे लॉकडाउन...

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कोविड ने महिलाओं को दशकों पीछे धकेला, उनको मदद दिए बिना भारत ‘आत्मनिर्भर’ नहीं बन सकता

-द प्रिंट, भारत में कोरोनावायरस संकट के कारण लागू किए गए लॉकडाउन ने महिलाओं को दशकों पीछे धकेल दिया है. इनमें से ज्यादातर का जीवन कुछ वैसा ही हो गया है जैसा कभी उनकी दादी-नानी का था. वो दिन का ज्यादातर हिस्सा खाना-पकाने, साफ-सफाई करने और घर-परिवार को संभालने में बिता रही हैं. और जो घर से काम कर रही हैं, अगर उनके पास अब भी नौकरी बची है तो, वो...

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लॉकडाउन के दौरान 55 पत्रकारों को मिली धमकियां, मुक़दमे और गिरफ़्तारी: रिपोर्ट

-द वायर,  बीते 25 मार्च से 31 मई, 2020 के बीच राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान कोरोना वायरस पर खबर करने या अभिव्यक्ति की आजादी के इस्तेमाल पर देशभर के कम से कम 55 पत्रकारों को गिरफ्तारी, मुकदमे, समन या कारण बताओ नोटिस, शारीरिक प्रताड़ना, कथित तौर पर संपत्ति के नुकसान या धमकियों का सामना करना पड़ा. यह जानकारी दिल्ली के ‘राइट्स एंड रिस्क एनालिसिस ग्रुप’ की इस हफ्ते जारी ‘इंडिया: मीडिया क्रैकडाउन...

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