कभी हमारे घरों को अपनी चीं..चीं से चहकाने वाली गौरैया अब नजर नहीं आतीं हैं। करीब 10 सालों से यह घरेलू पक्षी शहर से विलुप्त हो चुकी है। गांवों की तरफ भी कभी- कभार चहचहाहट सुनाई पड़ती है। घरों की बदलती डिजाइन, इलेक्ट्रिक पंखे समेत कई ऐसे कारण हैं जो नन्हीं गौरैया को बेदखल करने के लिए जिम्मेदार है। वन विभाग ने भी कभी इनके संरक्षण की दिशा में ठोस...
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कंपनी पर 223 करोड़ का कर्जा, वंदना एनर्जी की संपत्ति जब्त
कोरबा (निप्र)। पिछले चार साल से बन कर तैयार वंदना एनर्जी की 35 मेगावाट संयंत्र की संपत्ति आखिरकार बैंकों ने जब्त कर ली। कंपनी पर 223.71 करोड़ का कर्जा था, किश्त की राशि नहीं पटाई जा रही थी। इसकी वजह से ब्याज भी लगातार बढ़ रहा था। लगातार नोटिस दिए जाने के बाद भी किश्त की राशि नहीं पटाई गई। अंततः संयुक्त रूप से तीन बैंकों ने संयंत्र की जमीन,...
More »सरकार! बीमार पड़े हैं आपके अस्पताल....
शशिकांत तिवारी, भोपाल। तंगहाली ने बीते दो माह से सरकारी अस्पतालों की सेहत बिगाड़ी दी है। हालात यह हैं कि राजधानी के हमीदिया जैसे बड़े अस्पताल में जीवनरक्षक उपकरणों में सबसे अहम वेंटीलेटर खराब पड़े हैं। अस्पताल प्रबंधन के पास उन्हें सुधारवाने के लिए पैसा नहीं है। बीते एक सप्ताह से हृदयरोगियों की एंजियोग्राफी भी नहीं हो पा रही है, क्योंकि कैथेटर और डाई खरीदने के लिए पैसे नहीं है। मरीजों...
More »झुमरा : बारूद की गंध की जगह फसल की खुशबू
देश में बाेकाराे के जिस झुमरा पहाड़ की चर्चा बारूदी सुरंग विस्फोट व मुठभेड़ों के लिए होती थी, वह झुमरा अब बदल गया है. टूटी-फूटी सड़कों की जगह अब पक्की सड़क पर चार घंटे का सफर 17 मिनट में तय होने लगा है. नक्सलियों की जनसभा की जगह अब महिला गोष्ठी अौर क्रांतिकारी गीत की जगह रोपा के गीत गूंजने लगे हैं. बच्चों के चेहरे पर दहशत नहीं, खुशी है....
More »अब कौन कहेगा सूट-बूट की सरकार? - लॉर्ड मेघनाद देसाई
वर्तमान राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रस्तुत किया गया बजट बहुत ही संतुलित और सधा हुआ है। बजट में ग्रामीण भारत की चिंताओं और समस्याओं को विशेष तौर पर ध्यान में रखा गया है। ऐसा पहली बार है जब किसी वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कृषि क्षेत्र और किसानों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया और एक तय सीमा अवधि में किसानों की आय...
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