वसंत पंचमी और सरस्वती पूजा नजदीक है, जिस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा के साथ पुस्तकों व कलम की भी पूजा होती है। नए वर्ष के आगमन के साथ पुस्तक मेलों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। दिल्ली में विश्व पुस्तक मेले का समापन हो चुका है। अगले दो-तीन महीनों में कोलकाता, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पटना और भुवनेश्वर जैसे महानगरों में होने वाले पुस्तक मेलों में...
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इंटरनेट पीढ़ी ही गढ़ेगी नया भविष्य-- इरा सिंघल
इतिहास में जब किसी मोड़ पर मानव सभ्यता को अपने अस्तित्व के लिए एक नई दिशा की जरूरत पड़ी, तब यह युवा पीढ़ी ही है, जिसने बदलाव का बीड़ा उठाया। बतौर युवा इंसान में दो तरह के खास गुण होते हैं। पहला, उसमें इतनी स्फूर्ति या ऊर्जा होती है कि वह कुछ नया कर दिखाए। और दूसरा, तब तक जीवन में उसे इतनी ठोकरें नहीं मिली होतीं कि वह निराश...
More »तनाव के कगार पर असम-- योगेन्द्र यादव
असम बारूद के ढेर पर बैठा है. वहां की पार्टियां इसमें आग सुलगाकर वोट की रोटी सेंक रही हैं. बाकी देश आंख मूंदे बैठा है या सोच रहा है कि जब विस्फोट होगा, तब देखा जायेगा. समस्या पुरानी है, लेकिन संदर्भ नया है. विदेशी अाप्रवासियों का सवाल कई दशकों से असम का नासूर बना रहा है. आजादी के बाद से ही राज्य में देश के भीतर और बाहर दोनों तरफ...
More »जेल सुधार का इंतजार-- पीयूष द्विवेदी
भारतीय समाज में जेल को लेकर अमूमन यही धारणा देखने को मिलेगी कि वह एक यंत्रणा-स्थल है, जहां अपराधी को उसके अपराधों के लिए तकलीफदेह तरीके से रख कर दंडित किया जाता है। इस धारणा को एकदम गलत तो नहीं कह सकते, मगर यह पूरी तरह सही भी नहीं है। निस्संदेह जेल में व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में ही रहना होता है, पर इसका यह अर्थ नहीं कि वह यंत्रणा-स्थल...
More »रोजाना 19 करोड़ भूखे सोने वाले देश में हर दिन 244 करोड़ रुपये का खाना होता है बर्बाद
नयी दिल्ली : जर्मनी के एक होटल में सीख लेने के बाद देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार रतन नवल टाटा ने भले ही यहां के लोगों को खाना न बर्बाद करने की नसीहत दी हो, लेकिन आज भी इस देश में हर साल करीब 244 करोड़ रुपये की लागत के बराबर खाना बर्बाद हो रहा है. चौंकाने वाली बात यह भी है कि इसी देश में रोजाना करीब 19...
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