परिषदीय स्कूलों में कार्यरत 1,72,000 शिक्षा मित्रों के शिक्षक बनने का रास्ता साफ हो गया है। बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी ने शिक्षा मित्रों के समायोजन संबंधी फाइल पर मंगलवार को हस्ताक्षर कर दिए। जल्द ही इसे गजट नोटीफिकेशन के लिए भेजा जाएगा। इसके बाद इनके समायोजन संबंधी आदेश जारी कर दिए जाएंगे। समायोजन की प्रक्रिया जून में शुरू करने की विभाग की तैयारी है। गौरतलब है कि पिछले करीब एक साल...
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शिक्षकों का कमाल: मिड डे मील में मिलता है देसी घी का हलवा और मटर-पनीर
भिवानी. अधिकतर राजकीय स्कूल मिड डे मील के बजट का रोना रोते रहते हैं कि इतने कम पैसों में बच्चों को कैसे खिलाएं। इसके ठीक विपरीत भिवानी जिले के गांव धनाना में चल रही राजकीय प्राथमिक पाठशाला ऐसी है, जहां मिड डे मील में बच्चों को शुद्ध देशी घी के हलवे के अलावा मटर पनीर की सब्जी के साथ सलाद भी परोसी जाती है। मिड डे मील इंचार्ज राजेंद्र सिंह की...
More »विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह
जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...
More »जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया
हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...
More »नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क
16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...
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