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सदमे में किसान: फिर गईं तीन जान,

बेगमगंज/विदिशा. कर्ज के बोझ में दबे किसान लगातार मर रहे हैं और सरकार सिर्फ जांच का हवाला देती जा रही है। शनिवार को तीन किसानों की फिर जान चली गई। प्रदेश में दो दिन में छह किसानों की मौत हो चुकी है, वहीं एक महिला ने भी आत्महत्या का प्रयास किया था। रायसेन जिले में दो किसान फसल बर्बाद होने का सदमा नहीं झेल सके। बताया जाता है उनपर बैंक और...

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मैं गरीब की बेटियों का नाना : बादल

लुधियाना। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने रविवार सुबह गुरुनानक भवन में एक कार्यक्रम के दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत लाभपात्रियों को चेक बांटे। इस मौके पर शगुन स्कीम के तहत 1050 लाभपात्रियों को एक करोड़ 57 लाख, 1048 लोगों को कच्चे मकानों को पक्का बनाने के लिए 3 करोड़ 23 लाख के चेक दिए गए, जबकि विधवा पेंशन के 50 लाभपात्रियों को पांच लाख रुपए के चेक सौंपे गए।  इस मौके पर...

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खेती में असली क्रांति -- देविंदर शर्मा

2010 तो इतिहास बनने जा रहा है. मैं सशंकित हूं कि क्या नया साल किसानों के लिए कोई उम्मीद जगाएगा? अनेक वर्षो से मैं नए साल से पहले प्रार्थना और उम्मीद करता हूं कि कम से कम यह साल तो किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाएगा, किंतु दुर्भाग्य से ऐसा कभी नहीं हुआ. साल दर साल किसानों की आर्थिक दशा बद से बदतर होती जा रही है. साथ ही कृषि भूमि...

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गरीबी से तंग आकर बच्चों समेत आग लगाई

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में गरीबी से तंग आकर एक मजदूर युवक ने तीन बच्चों के साथ आत्मदाह कर लिया, जिससे दो बच्चों की मौत हो गई जबकि युवक और एक बच्ची अस्पताल में भर्ती है। रायपुर जिले के पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यहां बताया कि शहर के खमतराई थाना क्षेत्र के अंतर्गत रावाभाठा मोहल्ले में 30 वर्षीय गजानंद निर्मलकर ने स्वयं पर और तीन बच्चों श्वेता...

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राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव

सुरेंद्र  मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...

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