स्पेनी में एक कहावत है, ‘माल कैसा भी हो हांक हमेशा ऊंची लगानी चाहिए।’ मैक्सिको के कानकुन शहर में हुए जलवायु सम्मेलन से लौट रहे 194 देशों के मंत्री शायद इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए सम्मेलन में हुए समझौतों की तारीफ़ कर रहे हैं। सम्मेलन के मेज़बान मैक्सिको के राष्ट्रपति फ़िलीपे काल्डिरोन ने कहा कि इस सम्मेलन ने विश्व के नेताओं के लिए धरती को स्वस्थ और सुरक्षित रखने के...
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ये भला कैसा वेदांत?- सुनीता नारायण
कच्चे माल की मांग का बढ़कर सिर चकरा देने वाले 1.6 करोड़ टन प्रति वर्ष पर पहुंच जाने को लेकर पड़ने वाले पर्यावरण के प्रभावों का अभी तक आकलन ही नहीं किया गया है। इतना सारा बाक्साइट कहां से आएगा? इसके लिए कितनी नई खदानों की जरूरत होगी? कितना अतिरिक्त जंगल काटा जाएगा? कितना पानी निगल लिया जाएगा, कितना साफ पानी भयानक गंदा हो जाएगा?पर्यावरण और वन मंत्रालय द्वारा उड़ीसा...
More »गांव उजाड़ा, बना रहे हैं टूरिस्ट सेंटर
जयपुर. एक ओर जहां सरिस्का को बाघों से आबाद करने के लिए गांवों को हटाया जा रहा है वहीं कोर एरिया में स्थित कांकवाड़ी किले को संवारा गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा पर्यटक यहां आएं। वन विभाग की इस कारगुजारी पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने कड़ी आपत्ति जताई है। इसे गंभीर मसला बताते हुए उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है और व्यक्तिगत हस्तक्षेप करने को कहा...
More »तेंदूपत्ता के मजदूरों की रकम से मॉल में दुकान
जागरण ब्यूरो, जबलपुर,। मॉल संस्कृति का जादू वन विभाग के सिर चढ़कर बोल रहा है। मध्य प्रदेश लघु वनोपज संघ की गाढ़ी कमाई वन विभाग ने मॉल में लुटा दी। संजीवनी केन्द्र के निर्माण के लिए मिली राशि से साऊथ एवेन्यू मॉल में दुकान खोल ली गई। भवन निर्माण के लिए 18 लाख रुपये का स्वीकृत हुए थे। मॉल संस्कृति के प्रभाव में वन विभाग अधिकारियों ने आम जन की सुविधा को...
More »कमजोर महिलाओं की ताकत बना एक बैंक- आशीष कुमार अंशु
वनिता जालिन्दर पीसे आज से कुछ साल पहले लोन के लिए बैंकों के चक्कर लगा रही थीं। बैंकों की औपचारिकता ओं और पेपर वर्क की वजह से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा था। निराश होकर वह घर बैठ गईं। उन्होंने लोन की आशा ही छोड़ दी। तभी एक दिन मानदेसी महिला संगठन के कुछ लोग उनके पास आए और उन्हें आसान शर्तों पर लोन मिल गया। वर्ष 2003 में उन्होंने...
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