इधर लोकसभा में मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बहस होगी. उधर अखिल भारतीय किसान संघ समिति के बैनर तले 201 किसान संगठनों के प्रतिनिधि संसद के बाहर प्रदर्शन कर इस सरकार में अविश्वास जतायेंगे. दसों दिशाओं से किसानों का संदेश संसद के दरवाजे पर दस्तक देगा. लोकसभा के भीतर यह आवाज पहुंचे न पहुंचे, लेकिन हम सब दस दिशाओं से आनेवाली इन आवाजों को सुन सकते हैं, उन...
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क्या न्यायपालिका ही अंतिम आसरा है-- शशिशेखर
गुजरे हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट हुक्मरानों को लताड़ रहा था- आप भीड़ को इंसाफ करने का हक नहीं दे सकते, भीड़ की हिंसा रोकने के लिए कानून बनाइए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटिए, तो माननीय न्यायमूर्तिगण को मालूम न था कि सैकड़ों किलोमीटर दूर एक गुमनाम से शहर पाकुड़ में दूसरी पटकथा रची जा रही है। कुछ घंटे बाद हमने टीवी के परदे पर 78 साल के...
More »हंगामेदार होगा मॉनसून सत्र-- नीरजा चौधरी
आज से शुरू हो रहे संसद के मॉनसून सत्र के सुचारु रूप से चलने पर संदेह है. इस बार काम भी ज्यादा है, क्योंकि बिल बहुत हैं. लोकसभा में 60 से ज्यादा बिल पेंडिंग हैं, जबकि 40 बिल राज्यसभा में पेंडिंग हैं. दो दर्जन बिल पास किये जाने के लिए सूचीबद्ध हैं. 18 नये बिल पेश किये जाने हैं. और इनमें कुछ बिल ऐसे भी हैं, जिनको लेकर हंगामा होना...
More »हिंसा की संस्कृति पर लगे रोक-- प्रो. उज्ज्वल के चौधरी
लिंचिंग यानी बेकाबू भीड़ के हाथों लोगों की हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. हालांकि यह एक सार्वजनिक अपराध है पर सरकार मौन है. इसकी एक बानगी इसी बात से मिल जाती है कि इसे अभी तक आइपीसी के तहत एक अलग अपराध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इसलिए, इसके बारे में सारी जानकारी मीडिया में आयी खबरों और विभिन्न रिपोर्टों में दिये तथ्यों पर आधारित...
More »कानून से ही नहीं रुकेगी क्रूर कायरता-- विभूति नारायण राय
राम मनोहर लोहिया ने भारतीय भीड़ के व्यवहार के लिए एक बड़े मौजूं शब्द का इस्तेमाल किया है- क्रूर कायरता। औसत भारतीय जब भीड़ का अंग होता है, तो उसका व्यवहार एक खास तरह की क्रूरता से भरपूर होता है, जो कई मौकों पर तो बर्बरता की हदें पार कर जाती है। भीड़ किसी जेबकतरे को बस से उतारकर पीट-पीट कर मार डालती है। कभी कोई नकबजन हत्थे चढ़ जाए,...
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