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बारहवीं योजना में स्वास्थ्य - राम प्रताप गुप्ता

पिछले दिनों सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना का दृष्टिकोण पत्र जारी किया। आर्थिक विकास की ऊंची दर के बावजूद आम जनता विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है। इसका प्रमुख कारण यही है कि आज भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर राष्ट्रीय आय का मात्र 1.2 प्रतिशत खर्च किया जाता है। नतीजतन लोगों को चिकित्सा व्यय का अधिकांश स्वयं वहन करना पड़ता है, जो उन्हें गरीबी रेखा से नीचे धकेल रहा है। सार्वजनिक...

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71 सांसदों ने जताई बेबसी, चपरासी भी नियुक्त नहीं कर सकते

नई दिल्ली/जयपुर/भोपाल/रांची/चंडीगढ़/रायपुर/अहमदाबाद. युवाओं को काम दिलाने के मसले पर अलग-अलग राज्यों के 58 वरिष्ठ सांसदों की पीड़ा है कि उनके हाथ बंधे हैं। सब कुछ नौकरशाहों के हाथ में है। हमारे अधिकार सीमित हैं। बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल बताते हैं कि वे अपने इलाके में सिलिकॉन यूनिट नहीं लगा पाए। कई और काम हैं, जिनमें अड़ंगे लगे।      दैनिक भास्कर ने देश के लॉ-मेकर सांसदों से पांच सवाल पूछे। अधिकतर यह नहीं बता...

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विकास : मिथक या सच्चाई- इर्शादुल हक(तहलका हिन्दी)

  बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का दावा है कि राज्य की विकास दर इस वर्ष 14.15 प्रतिशत तक पहुंच गई है जो देश में सबसे ज्यादा है. अर्थशास्त्रियों का दावा है कि इसमें सच्चाई से ज्यादा आंकड़ेबाजी है. इर्शादुल हक की रिपोर्ट   16 अक्टूबर को उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय के केंद्रीय सांख्यिकी संगठन यानी सीएसओ के हवाले से प्रेस को सूचना दी, ‘2010-11...

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अनाज क्यों नहीं उठा रही राज्य सरकार : हाईकोर्ट

मुंबई. राज्य सरकार, केंद्र की ओर से भेजे गए अनाज को क्यों नहीं उठा रही है जबकि लोग भूखमरी से मर रहे हैं और बच्चे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं? गुरुवार को बांबे हाईकोर्ट ने यह सवाल पूछते हुए राज्य सरकार से तीन सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश मोहित शाह व रोशन दलवी की खंडपीठ ने सरकार को अनाज अपूर्ति के बारे में एक तंत्र विकसित...

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नाम के नागरिक- बृजेश सिंह (तहलका हिन्दी)

वहां से निकलना आसान नहीं है और वहां रहना तो और भी मुश्किल. सरकारी कुनीतियों के चलते अलीराजपुर में कुछ टापुऑं पर दिन बिता रहे सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों की जिंदगी में उम्मीद को छोड़कर सब कुछ है. गरीबी, भूख, कुपोषण, बेरोजगारी और इन सबसे उपजी उनकी लाचारी की क्या कोई सुध लेगा? बृजेश सिंह की रिपोर्ट यह कहानी मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे गांवों की है जिनके रहवासी युद्ध...

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