नई दिल्ली. सरकार ने बीमा क्षेत्र में विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) संबंधी नियमों को आसान कर दिया है। विदेशी कंपनियां घरेलू बीमा कंपनियों में 49 फीसद हिस्सेदारी बिना पूर्व अनुमति के खरीद सकेंगी। अभी ऑटोमेटिक रूट से 26 फीसद एफडीआई की अनुमति थी। 49 फीसद तक एफडीआई के लिए विदेशी कंपनी को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआइपीबी) से अनुमति लेनी होती थी। एक सरकारी अधिसूचना...
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कुम्हारबांधी: यहां 2016 में भी दिखती है 18वीं सदी जैसी गरीबी
सारठ बाजार. गरीबों के उत्थान की बातें अक्सर होती हैं, लेकिन इसके प्रति गंभीरता नहीं दिखायी जाती है. यही कारण है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी कमाने के प्रयास में ही बीत जा रहा है. प्रखंड के कुम्हराबांधी गांव के हरिजन टोले का ग्रामीणों का जीवन सिर्फ दो वक्त की रोटी तक सिमट कर रह गयी है और वह रोटी भी...
More »दिल्ली-मुंबई के करोड़पति किसान- राजीव रंजन झा
बीते मंगलवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह कह कर एक राजनीतिक सनसनी पैदा कर दी, कि सरकार कृषि आय के नाम पर कर योग्य आय छिपाये जाने की जांच कर रही है और अगर इस मामले में ऐसा करनेवालों के नाम सामने आते हैं तो राजनीतिक उत्पीड़न का आरोप न लगाया जाये़ उन्होंने संकेत दिया कि इस संबंध में 'कई महत्वपूर्ण व्यक्ति' संलिप्त हो सकते हैं, जिनकी...
More »फसलों का नुकसान: मुआवजा पाने में कितने पेंच
क्या बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चने जैसे महत्वपूर्ण रबी-फसल के नुकसान की मार झेल छह राज्यों के किसानों को इतना मुआवजा मिल पाएगा कि उनके लागत की ही भरपायी हो सके ? प्रश्न के उत्तर के नीचे लिखे तथ्य पर गौर करें. एक क्विन्टल गेहूं को उपजाने और बाजार तक पहुंचाने में किसान को 1212 रुपये की लागत आती है, एक क्विन्टल चने के लिए यही खर्च...
More »मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग
शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...
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