नागपुर (महाराष्ट्र)। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार समाज के अत्यंत गरीब वर्ग को लाभ पहुंचाने के लिए संसद में जल्द ही खाद्य सुरक्षा विधेयक लाएगी। यहां से 85 किलोमीटर दूर वर्धा जिले के सेवाग्राम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की "सद्भावना रैली" को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा कि सभी बच्चों को शिक्षा देना सुनिश्चतकरने के लिए केंद्र सरकार शिक्षा का अधिकार विधेयक को पहले ही पारित करा चुकी...
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ऐसे हासिल होगी हर घर को बिजली
बिजली सबको हासिल हो- क्या यह बस एक दिवास्वप्न है। क्या जब तक सबको रोटी,कपड़ा,मकान, शिक्षा,स्वास्थ्य और साफ पेयजल जैसी बुनियादी सुविधायें हासिल नहीं हो जातीं तब तक हमें सबके पास बिजली पहुंचाने के सवाल को ठंडे बस्ते में डाल देना चाहिए। भारत में बिजली की सुविधा से वंचित लोगों की तादाद दुनिया में सबसे ज्यादा है। देश में आधे से ज्यादा घरों में बिजली नहीं है यानी दूसरी तरह से कहें तो विश्व...
More »दाने-दाने की राजनीति
इण्डिया और भारत के बीच की गहरी खाई में दो रोटियों के लिए स्कूल पहुंचने वाले बच्चों को पकाने वाले की जाति पर गुस्सा आ जाए यह बात अपने आप में चौंकाने वाली है अब तो मजहब कोई ऐसा भी चलाया जाए जिसमें इंसान को बस इंसान बनाया जाए 84 वर्षीय गीतकार गोपालदास नीरज ने अभी हाल में लखनऊ में अपने एक सम्मान समारोह में जब यह पक्तियाँ गाईं तो समूचा सभागार...
More »2020 तक 30 फीसदी बच्चे विवि से जुड़ेंगे
मुंबई। शिक्षा के क्षेत्र में साझेदारी पर बल देते हुए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि उन्होंने देश में 2020 तक 30 फीसदी छात्रों को विश्वविद्यालय स्तर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। सिब्बल ने यहां भारत अमेरिकी सोसायटी द्वारा उच्च शिक्षा पर भारत-अमेरिका विषय पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि मौजूदा दर केवल 12.4 फीसदी है। फिलहाल देश में 500 विश्वविद्यालय...
More »40 धड़कनें थम गई पर नहीं धड़की मिल
भागलपुर [आशीष]। साल-दर-साल भूख और बदहाली का दंश झेल रहे बिहार स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के मुरझाए चेहरों पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिल को दोबारा खोलने की घोषणा भी मुस्कान नहीं लौटा सकी। सपनों को पल-पल टूटते हुए देखने वाले ये मिल कर्मचारी अब भगवान से मौत की मुराद मांग रहे हैं। मौत के लिए मनुहार करने वाले कर्मचारियों का तर्क है कि रोज-रोज मरने से अच्छा...
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