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किसानों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार- राम कौंडिन्या

भारतीय किसान की तस्वीर आज भी कमोबेश कक्षा आठ में लिखे जाने वाले उस निबंध से बाहर नहीं निकल पाई है, जहां हम पहली लाइन में तो यह लिखते थे कि किसान देश का पेट पालते हैं, लेकिन आखिरी लाइन यही रहती थी कि किसान किसानी से इतना कमा नहीं पाते कि वे अपना पेट पाल सकें। भारतीय किसान की यह तस्वीर बदलती क्यों नहीं है? जीवन के हर हर क्षेत्रों में...

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किसान आत्महत्या मामले : अध्ययन के लिए संसदीय समिति बनाने का प्रस्ताव

नयी दिल्ली, 19 दिसंबर (एजेंसी) किसानों द्वारा की जा रही आत्महत्या के मामलों का गहराई से अध्यनन करने और ऐसी घटनाओं को रोेकने के मकसद से सरकार ने आज एक संसदीय समिति गठित करने का प्रस्ताव किया जिसमें दोनों सदनों के सदस्यों की मौजूदगी हो। विपक्ष ने सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया। कृषि मामलों पर राज्यसभा में हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री शरद पवार ने...

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न्यूनतम समर्थन मूल्यों का संदेश- सुधीर पंवार

पिछले दिनों केंद्र्र सरकार ने कृषि लागत और मूल्य आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर 2011-12 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की। इस घोषणा में थोड़ी देरी अवश्य हुई है, पर किसानों के पास अब भी पर्याप्त समय है कि वे इन मूल्यों के आधार पर फसलों की बुवाई का निर्णय ले सकें। वर्तमान में कृषि उत्पादों की आवश्यकता एवं उत्पादन में गंभीर असंतुलन की वजह...

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धान खरीद पर बोनस देने के वायदे को पूरा करें रमन : जोगी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राज्य में किसानों को धान खरीद में 270 रुपये का बोनस देने की माग की है। जोगी ने शुक्रवार को यहा एक बयान में कहा कि मुख्यमंत्री रमन सिंह को चुनाव के दौरान की गई अपनी घोषणा के अनुरूप किसानो को धान की खरीदी पर 270 रुपये प्रति क्विंटल बोनस देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह बात याद...

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पौष्टिक है गोल्डन राइस

दुनिया में खाद्यान्न के बढ़ते संकट की चुनौतियों का उपाय तलाशने में जुटे रिसर्च संस्थानों में शामिल फिलीपींस स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी ईरी के उप महानिदेशक ऑपरेशंस डॉ. विलियम जी पैडोलिना से संजय मिश्र की बातचीत: -उत्पादन बढ़ने के बावजूद विश्व में खाद्यान्न एक बड़ी समस्या बन गया है। आखिर भविष्य में इसकी पर्याप्त उपलब्धता को लेकर गंभीर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? यह सवाल उठना लाजिमी है,...

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