समूचे हिंदुस्तान में इस वक्त यूरिया खाद की किल्लत है। गेहूं की बुआई से लेकर अभी तक अन्नदाताओं को उनकी जरूरत के मुताबिक यूरिया नहीं मिल सकी है। इस किल्लत के पीछे यूरिया की धड़ल्ले से हो रही कालाबाजारी है, जो चिंतित कर रही है। कहने को बाजारों में स्टॉक की कमी का रोना रोया जा रहा है, लेकिन ब्लैक में जितनी चाहो, उतनी यूरिया चंद घंटों में मुहैया हो...
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मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल
भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...
More »अगर आपको जेएनयू फीस बढ़ोतरी पर छात्रों का विरोध समझ नहीं आ रहा, तो सुनीता की ये कहानी पढ़िए
जेएनयू में फीस बढोतरी को लेकर हुए प्रतिरोध को आईए, सुनीता की कहानी के सहारे समझने की कोशिश करते हैं. पल भर को मान लें कि सुनीता एक आम भारतीय लड़की है. वह एक जिला मुख्यालय से लगते गांव में रहती है. सुनीता के पिता एक आम भारतीय किसान हैं जिनके पास तकरीबन तीन एकड़ की खेती-बाड़ी की जमीन है ( भारत में भू-जोतों का औसत आकार 2.8 एकड़ है)....
More »40 दशक में औसत बारिश घटी, इसका क्षेत्रीय असंतुलन भी बढ़ा : सरकार
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि भारत में पिछले चार दशक के दौरान न सिर्फ मौसमी बारिश की औसत मात्रा राष्ट्रीय स्तर पर घटी है बल्कि पिछले एक दशक में मानसून के क्षेत्रीय वितरण का असंतुलन भी बढ़ा है. मौसम विभाग की एक आंकलन रिपोर्ट के मुताबिक वर्षा चक्र में बदलाव का सीधा असर बारिश की अधिकता वाले पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश की कमी और कम...
More »किस तेजी से बदला मौसम का मिजाज, क्या हुआ अर्थव्यवस्था पर असर, पढ़ें इस न्यूज एलर्ट में..
बाढ़ और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं को लेकर हाल-फिलहाल सुर्खियां लगती रही हैं और आगे की पंक्तियों में आप पढ़ने जा रहे हैं कि बीते दो दशकों में तुलनात्मक रुप से मौसम का मिजाज किस भयावहता से बदला है. इस साल अप्रैल माह में जारी एक आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक मौसम के मिजाज में आये तेज बदलाव के कारण जो सूखा-बाढ़ या आंधी-तूफान और बारिश सरीखी अप्रत्याशित घटनाएं पेश आयी हैं उनका...
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