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जिनको हाशिए पर भी जगह नहीं- अतुल चौरसिया

हिसार के पश्चिमी छोर पर स्थित एक विशाल फॉर्महाउस विरोधाभासों की जमीन है. इसके आधे हिस्से में एक शानदार कोठी, लॉन और पोर्टिको बने हैं जबकि बाकी का आधा हिस्सा बेतरतीब काली पॉलीथीन से ढंकी करीब 60-70 झुग्गियों से पटा हुआ है. जहां-तहां पानी के गड्ढे हैं जिनमें मच्छर और मक्खियां बहुतायत में पल-बढ़ रहे हैं. इसी झुग्गी बस्ती में अपनी कुछ मुर्गियों और दो सुअरों के साथ 80 साल...

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विकास के मॉडल का सवाल- के पी सिंह

जनसत्ता 22 मई, 2014 : चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बहुतेरे मॉडल विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रस्तुत किए गए। इससे पहले के चुनावों में भी विकास का कोई न कोई खाका पेश करके राजनीतिक दल मतदाताओं का विश्वास हासिल करते रहे हैं। इसके बावजूद ग्रामीण और दुर्गम पहाड़ी अंचलों में अधिकतर नागरिक आज भी स्वच्छ पेयजल और अन्य मूलभूत सुविधाओं के अभाव में जी रहे...

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नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क

16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...

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भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का नया हथियार- आर के नीरद

मित्रो, सत्येंद्रनाथ दुबे और बिहार-झारखंड के नौ आरटीआइ एक्टिविस्टों की शहादत का सटीक नतीजा सामने आने वाला है. भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए आरटीआइ एक्टिविस्ट के बाद अब ह्विसिल ब्लोअरों की टीम तैयार होने वाली है. इसमें सरकारी और गैर सरकार दोनों लोग होंगे. ह्विसिल ब्लोअर प्रोटेक्शन बिल को संसद की मंजूरी मिलने के बाद अब राष्ट्रपति की भी स्वीकृति मिल गयी है. यह सिविल सोसाइटी के लिए सरकारी तंत्र में...

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वाम के लिए सबक- अरुण माहेश्वरी

जनसत्ता 21 मई, 2014 : सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में नरेंद्र मोदी और भाजपा की भारी लेकिन एक प्रकार से प्रत्याशित जीत ही हुई है। चुनाव प्रचार के दौरान ही इसके सारे संकेत मिलने लगे थे। फिर भी हमारे इधर के कई मंतव्यों से यह साफ है कि हम सामने दिखाई दे रहे इस सच को संभवत: समझ या स्वीकार नहीं पा रहे थे। हालांकि हमने ही अपनी एक टिप्पणी...

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