रोम। विश्व के लगभग एक अरब लोगों की दुर्दशा पर ध्यान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक सम्मेलन यहां शुरु हो गया। दूसरी ओर मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यह सम्मेलन समय की बर्बादी है क्योंकि विश्व के सबसे धनी देशों के नेता सम्मेलन में उपस्थित नहीं हुए हैं। आगामी बुधवार तक चलने वाले सम्मेलन में आठ औद्योगिक देशों में से सिर्फ इटली के प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी...
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उत्तराखंड के विकास में सहयोग करे टाटा ग्रुप
देहरादून। मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि टाटा समूह को उत्तराखंड के विकास में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में औद्योगिक विस्तार को सरकार हरसंभव प्रोत्साहन देगी। टाटा समूह के अफसरों ने आज यहां मुख्यमंत्री डा. निशंक ने भेंट कर सूबे में चल रही औद्योगिक इकाइयों के बार में जानकारी दी। सीएम डा. निशंक ने कहा कि देश के इस औद्योगिक घरानों के राज्य के आईटीआई को...
More »एक चिठ्ठी बस्तर की व्यथा की......
छत्तीसगढ़ के तृणमूल स्तर के कई कार्यकर्ताओ ने देश के जनपक्षी धड़ों के लिए एक टिप्पणी जारी की है। इस टिप्पणी में छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों और आदिवासियों के बीच जारी संघर्ष को विराम देने की अपील की गई है।छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा से संबद्ध सुधा भारद्वाज का तर्क है कि विद्रोह को दबाने के नाम पर छत्तीसगढ़ में नरसंहार की आशंका बलवती हो गई है और इसे रोकने के लिए...
More »पर्यावरण की राजनीति और धरती का संकट
खुद मनुष्य ने अपनी भावी पीढ़ियों की जिंदगी को दांव पर लगा दिया है। दुनिया भर में चिंता की लकीरें गहरी होती जा रही हैं। सवाल ल्कुल साफ है- क्या हम खुद और अपनी आगे की पीढ़ियों को बिगड़ते पर्यावरण के असर से बचा सकते हैं? और जवाब भी उतना ही स्पष्ट- अगर हम अब भी नहीं संभले तो शायद बहुत देर हो जाएगी। चुनौती हर रोज ज्यादा बड़ी होती...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
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