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लोकपाल विधेयक- - आर-पार की लड़ाई

बीते महीने शिलांग में हुए सूचना के अधिकार के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद यह स्पष्ट हो गया था कि आरटीआई का कानून शासन में पारदर्शिता,जवाबदेही और जनता की भागीदारी की एक नई राह खोल रहा है। और अब ,नागरिक संगठनों द्वारा सरकारी लोकपाल बिल के विकल्प के रुप में जो मसौदा तैयार किया गया है उससे इस बात पर मुहर लग गई है। भ्रष्टाचार निरोधी जन लोकपाल बिल के नाम से...

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सेना में ड्राइवर के तौर पर भर्ती हुए थे अन्ना

नई दिल्ली. भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सख्त लोकपाल विधेयक बनाने और उसमें जनता की हिस्सेदारी की मांग को लेकर अनशन पर बैठे अन्ना हजारे देश के भीतर ईमानदारी और इंसाफ की लड़ाई लड़ने से पहले सीमा पर देश के दुश्मनों के भी दांत खट्टे कर चुके हैं। 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत सरकार की युवाओं से सेना में शामिल होने की अपील के बाद वे अन्ना सेना में...

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बीपीएल से 36 लाख की खरीद!

जयपुर. बाड़मेर के एक सरपंच ने बीपीएल परिवार से जुड़े व्यक्ति की फर्म से 36 लाख रुपए की खरीद कर ली। आश्चर्यजनक बात यह है कि इस बारे में उस व्यक्ति को जानकारी तक नहीं है, जिसके नाम से खरीद की गई। दो छोटे से झोंपड़ों में रहने वाला यह बीपीएल व्यक्ति चना खां पुत्र मसू खां खुद भी नरेगा का मजदूर है। खरीद में धांधली का यह मामला सामाजिक अंकेक्षण निदेशालय की...

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गतिरोध कायम, हजारे नहीं चाहते अध्यक्ष पद

नई दिल्ली। लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर संयुक्त समिति गठित करने की माग कर रहे भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ताओं और सरकार के बीच गुरुवार को दो दौर की वार्ता बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच जहा गतिरोध बरकरार है, वहीं आमरण अनशन पर बैठे अण्णा हजारे ने इस बात से इंकार किया है कि उन्हें संयुक्त समिति का अध्यक्ष पद चाहिए। गाधीवादी विचारक हजारे का आमरण अनशन आज तीसरे दिन...

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आरटीआई कानून- हंगामा है क्यों बरपा ?

जो कभी इसके पैरोकार थे वही सूचना का अधिकार अधिनियम के कानूनी शक्ल लेने के पाँच साल बाद इतने चिन्तित क्यों है ? किस लिए एक बार फिर से इस मुद्दे पर धरना, रैली, सम्मेलन और भूख-हड़ताल की बाढ़ सी आई हुई है ? इसकी एक वजह तो यही है कि सूचना का अधिकार कानून से जिस मौन क्रांति का चक्का चल पडा है, उसकी गति को निहित स्वार्थवश किए...

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