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खेल की आड़ में अश्लीलता का कारोबार- विनय तिवारी/संतोष कुमार सिंह

नयी दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स को लेकर दिल्ली इन दिनों सेक्स मंडी बनता जा रहा है. अक्टूबर में आयोजित होनेवाले खेलों में भारी मात्रा में विदेशियों के आने की संभावना है. और उन लोगों को सेक्स परोसने की कवायद अभी से शुरू हो गयी है. इस काम के लिए अभी से एडवांस बुकिंग भी हो रही है. बाकायदा रेट कार्ड तैयार कर लिया गया है. इसके लिए एक वेबसाइट  भी बनायी...

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सूचना का अधिकार बना हथियार- अशीष कुमार अंशु

कमलेश कामत अमही प्रखंड मधुबनी, बिहार के रहने वाले हैं. सूचना के अधिकार से उनका परिचय अभी नया-नया है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि हाल में जब प्रखंड कार्यालय से उन्होंने पंचायत में होनेवाले विकास संबंधी कायरें में हो रहे व्यय का ब्योरा मांगा तो क्यों पंचायत से लेकर ब्लॉक तक में उनकी इज्जत पहले से कई गुना बढ़ गयी. पहले जो बीडीओ उन्हें अपने आस-पास भी फ़टकने...

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हिमालय में खुलता एक मोर्चा -अभिषेक श्रीवास्तव

पिछले दिनों हिमाचल के रोहतांग से लेह तक एक सुरंग के उद्घाटन की खबर को मीडिया में काफी जगह मिली थी. ऐसा इसलिए भी क्योंकि इसका उद्घाटन करने यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद गई थीं. राज्य के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने इस सुरंग को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण करार देते हुए चीन पर आरोप लगाया था कि वह सीमा पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा संबंधी निर्माण कार्य...

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शिक्षकों की कमी सर्व शिक्षा अभियान में बड़ी बाधा- योजना आयोग

शिक्षकों की संख्या में भारी कमी शिक्षा के बुनियादी अधिकार को साकार कर पाने में बड़ी बाधा है  साथ ही शिक्षकों से पढ़ाई के अतिरिक्त लिया जा रहा काम उनके उत्साह को तोड़ने वाला एक बड़ा कारण। सर्वशिक्षा अभियान से जुड़े आधे से ज्यादा शिक्षक नहीं चाहते कि उन्हें जनगणना के काम, चुनाव कार्य या मिड डे मील जैसी गतिविधियों में लगाया जाय।  योजना आयोग से संबद्ध प्रोग्राम इवैल्यूशन आर्गनाइजेशन की...

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देश नहीं भगवान को प्यारे

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में इंसेफलाइटिस से हज़ारों बच्चों का मरना और विकलांग होना जारी है. इससे बचने के उपाय हैं तो मगर दो सरकारों के झगड़ों और लालफीताशाही में उलझकर रह गए हैं जयप्रकाश त्रिपाठी की रिपोर्ट बच्चों की मौत बिना नागा जारी है. वे विकलांग भी हो रहे है. 2-4-6-8 साल के नन्हे-मुन्ने और मुन्नियां. कुछ दुधमुंहे भी हैं. रोने क्या कुनमुनाने तक से लाचार. एक-दो नहीं सैकड़ों-हजारों मासूम....

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