बिहार के मशरक प्रखंड में मिड -डे मिल खाने से हुई 23 बच्चों की मौत के बाद इस योजना को लेकर राष्ट्रीय बहस छिड़ी हुई है. देश के विभिन्न भागों से पहले भी मध्याह्न् भोजन खाने से मौत की खबरें आती रही हैं. लेकिन, बिहार की घटना अब तक की सबसे बड़ी घटना बतायी जा रही है. इसके साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस घटना...
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एक रुपये का हेरफेर, गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने रोजाना कमाई में महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 17 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने का सेहरा अपने माथे बांध तो लिया है, लेकिन पिछले दो वर्षो में महंगाई की स्थिति को देखते हुए ये आंकड़े आम जनता के साथ क्रूर मजाक सरीखे लगते हैं। सितंबर, 2011 में सरकार ने जब गांव में 26 रुपये रोजाना से ज्यादा कमाई वालों को गरीब मानने के...
More »सरकार ने किया 'चमत्कार', अब 28 रुपये कमाने वाले गरीब नहीं
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। कमरतोड़ महंगाई को थामने में नाकाम रही सरकार ने चुनावी साल में 17 करोड़ गरीब कम करने का चमत्कार कर दिखाया है। ऐसा गरीबों की आमदनी का जरिया बढ़ाकर नहीं बल्कि आमदनी के आंकड़े में हेरफेर कर किया गया है। उनकी आय महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 15 फीसद गरीब कम कर दिए गए। पिछले कई सालों से महंगाई भले ही चरम पर हो,...
More »दालों का रिकॉर्ड उत्पादन पर खाद्यान्न की पैदावार में कमी
बीते फसल वर्ष 2012-13 (जुलाई-जून) के दौरान देश में दालों का रिकॉर्ड 184.5 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है। हालांकि देश के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बनने के कारण खाद्यान्न के कुल उत्पादन में 1.5 फीसदी की कमी आकर 25.53 करोड़ टन का उत्पादन होने का अनुमान है। गेहूं का उत्पादन भी 2.5 फीसदी घटकर 924.6 लाख टन होने का अनुमान है। कृषि मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी...
More »गांवों से ज्यादा शहरों में गरीबों को खाद्य सुरक्षा
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को लागू करने के लिए खाद्य मंत्रालय को योजना आयोग से मिले आंकड़ों में हरियाणा, दिल्ली, पुडूचेरी, दमन-दीव और चंडीगढ़ में गांवों के मुकाबले शहरों में ज्यादा गरीब लोग रहते हैं। ऐसे में इन राज्यों में अत्यंत सस्ती दरों पर होने वाले आवंटन में लाभार्थियों का प्रतिशत गांव के मुकाबले शहर में ज्यादा होगा। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अध्यादेश के माध्यम से देश की 81.39...
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