गगन कोहली, राजौरी। यह कोई सर्कस का सीन नहीं है और न ही कोई स्पाइडर मैन करतब दिखा रहा है। हकीकत जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। भविष्य संवारने के लिए ये बच्चे तमाम आफत झेलकर एक लोहे के तार के सहारे उफनती दरिया पार कर स्कूल और कॉलेज जाते हैं। ऐसा नहीं है कि प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है पर वह शायद किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर...
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बच्चों की फीस के लिए पिता ने घर बेचा
सहरसा: अंगद का सपना था कि बच्चियों को पढ़ा-लिखा कर अपने पैरों पर खड़ा करें. इस दौरान जब पैसे की दिक्कत आयी तो उन्होंने पैतृक घर भी बेच डाला. बच्चियां भी पिता की अपेक्षा पर खरा उतरीं लेकिन महंगाई के इस दौड़ में अंगद का यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है. घर बेचने के बाद जो पैसे आये, उससे बेटियों का नामांकन तो कराया लेकिन अब फाइनल परीक्षा...
More »27 वर्षो से नहीं हुई शिक्षकों की नियुक्ति
रांची: राज्य में संस्कृत की पढ़ाई दम तोड़ रही है. राज्य गठन के बाद राज्य में एक भी संस्कृत विद्यालय नहीं खोले गये. जो विद्यालय पहले से थे, वे भी खस्ता हालत में हैं. विद्यालय की खराब स्थिति का असर विद्यार्थियों की संख्या पर भी पड़ा है. राज्य में संस्कृत पढ़नेवाले विद्यार्थियों की संख्या में लगातार कमी आ रही है. मध्यमा (संस्कृत) से परीक्षा में शामिल होनेवाले विद्यार्थियों की संख्या दो...
More »किसान ने हल में बदलाव कर बनाया खेती का नया तरीका
दिलीप साहू, रायपुर। प्रदेश के मुंगेली निवासी किसान श्रीकांत गोवर्धन ने बैलचलित सामान्य हल को अपनी सूझबूझ से ऐसा रूपांतरित किया है कि यह धान की कतार बोनी व बियासी में उपयोगी साबित हो रही है। इससे कतार बोनी के धान का बियासी के दौरान कम नुकसान हो रहा है। उनके इस प्रयोग से कम उर्वरक के साथ ही धान को कीड़ों से बचाव में भी सहायक है। इस प्रयोग को...
More »सरकारी स्कूल की हालत ट्रांसपोर्ट की गाड़ी जैसी
पटना : मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शिक्षा की सरकारी व्यवस्था के बारे में रविवार को साफ-साफ और बेबाक अंदाज में बात की. मुख्यमंत्री ने कहा, सरकारी स्कूलों का हाल ठीक सरकार के ट्रांसपोर्ट की उस गाड़ी की तरह हो गयी है, जिसके एक साल चलते-चलते टायर व पार्ट्स तक बिक जाते हैं. वहीं, प्राइवेट स्कूलों का विकास प्राइवेट बस की तरह हो रहा है. एक साल में एक बस...
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