SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 867

कुपोषण से जूझता भारत- निकोलस क्रिस्तॉफ

हर वर्ष की तरह इस बार भी मैं अपनी 'विन ए ट्रिप' यात्रा पर भारत आया। भारतीय गांवों की यात्रा के दौरान मेरे साथ थे प्रतियोगिता के विजेता स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ऑस्टिन मेयर। इस यात्रा के मूल में यह सवाल था, 'आखिर क्या वजह है कि भारत के लाखों बच्चे शारीरिक-मानसिक तौर पर कुपोषित रह जाते हैं?' भारत एक मजबूत लोकतंत्र हैं, जो मंगल तक अपना उपग्रह भेज चुका है। पर...

More »

अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को राजन ने लिया आड़े हाथ

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन ने पश्चिमी देशों के प्रति नरम रवैये को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि मुद्राकोष न सिर्फ विकसित देशों की उदार मौद्रिक नीतियों के प्रति नरम रुख रखता है, बल्कि उनकी तारीफ भी करता है। पश्चिमी देशों की आसान कर्ज की नीतियों का उभरते बाजारों में प्रतिकूल असर पड़ा है। राजन के मुताबिक, आईएमएफ जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों...

More »

खुदरा व्यापारियों के बदलने का वक्त-- राजीव रंजन झा

देशभर के गल्लों पर बैठे सेठ जी आजकल ऑनलाइन आक्रमण से परेशान हैं. ऑनलाइन रिटेलरों ने त्योहारी मौसम को लूट लिया है. खरीदारी की उस धूम को हथिया लिया है, जो हर साल खुदरा दुकानों पर उमड़ा करती थी. इसीलिए खुदरा व्यापारियों के संगठन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और इनके विरुद्ध नीतिगत व कानूनी विरोध से लेकर खुद उनके ही मंच पर, यानी ऑनलाइन बाजार में अपनी...

More »

खोजी पत्रकारिता क्या अब भी संभव है- किंशुक पाठक

पिछली सदी के सातवें दशक में 'वाटरगेट कांड' ने दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति निक्सन को अपनी गद्दी छोड़ने को मजबूर कर दिया, पर कांड को उजागर करने वाले पत्रकारों कार्ल बर्नस्टीन और बॉब वुडवर्ड ने अपने मुख्य स्रोत को 31 साल तक दुनिया की आंखों से ओझल ही रखा। निक्सन के हटने के तीन दशक और उनकी मृत्यु के 11 साल बाद ही स्रोत का नाम...

More »

मांस के कारोबार पर सवाल क्यों नहीं? - आलोक मेहता

हमारे एक पारिवारिक मित्र मूलत: गुजराती ब्राह्मण हैं। वे शुद्ध शाकाहारी हैं। जनेऊ पहनकर निष्ठा के साथ पूजा-पाठ करते हैं। भारत सरकार के निर्यात प्रोत्साहन संस्थान में वे वर्षों से एक महत्वपूर्ण पद पर काम करते रहे हैं। लेकिन मित्र-परिवार के साथ बैठकों में उनकी तरक्की, वेतन-भत्तों की बढ़ोतरी, निरंतर दुनियाभर के देशों की यात्राओं की मीठी बातों के साथ एक मुद्दे पर उन्हें चिढ़ाया जाता है - 'अरे, आपकी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close